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sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 Lives in Tumsar, Maharashtra, India

मैं भी तो कम ही जानता हूँ खुद के बारेमें..।

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White ये प्यास इस क़दर मिल रही है पानी से... जैसे मौत लिपटती है ज़िंदगानी से..। जीत बहुत दूर चली गयी मुझसे लेकिन... हार न मानूंगा इतनी आसानी से..। और जा पहुंचा हूँ मैं कई ज़ख्मों तलक... उसके बदन के फ़क़त इक-दो निशानी से..। खुद शिशे के सामने आना पड़ता है... तू देखता है जो इतनी हैरानी से..। मेरे सिर से कोई बचपन उतारे ‘ख़ब्तुल’... इश्क़ अक्सर कहता रहता है जवानी से..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

#शायरी  White ये प्यास इस क़दर मिल रही है पानी से...
जैसे मौत लिपटती है ज़िंदगानी से..।

जीत बहुत दूर चली गयी मुझसे लेकिन...
हार न मानूंगा इतनी आसानी से..।

और जा पहुंचा हूँ मैं कई ज़ख्मों तलक...
उसके बदन के फ़क़त इक-दो निशानी से..।

खुद शिशे के सामने आना पड़ता है...
तू देखता है जो इतनी हैरानी से..।

मेरे सिर से कोई बचपन उतारे ‘ख़ब्तुल’...
इश्क़ अक्सर कहता रहता है जवानी से..।

                  - ख़ब्तुल
               संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

प्यास

14 Love

White मौत की सड़क पर एक ज़िंदगानी पड़ती है... कि,भूख लग जाए तो ठोकर खानी पड़ती है..। और कभी-कभी तो मैं इतना बोल उठता हूँ... अक्सर बीच मॆं ख़ामोशी सुनानी पड़ती है..। कोई ख़्वाब बिस्तर पर मर ना जाए इसलिए... रात-रात भर हमको नींद जलानी पड़ती है..। उम्र के आख़िरी मक़ाम पर किसी नॆ बताया... बचपन के ठीक बाद एक जवानी पड़ती है..। रोज तू अपने बच्चों को वो किस्सा सुनाना... जिसके पहलू मॆं हमारी कहानी पड़ती है..। इस क़द्र मैं उसको देखता रहता हूँ ‘ख़ब्तुल’... आँख तलक अपने हाथ से हटानी पड़ती है..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

#शायरी  White मौत की सड़क पर एक ज़िंदगानी पड़ती है...
कि,भूख लग जाए तो ठोकर खानी पड़ती है..।

और कभी-कभी तो मैं इतना बोल उठता हूँ...
अक्सर बीच मॆं ख़ामोशी सुनानी पड़ती है..।

कोई ख़्वाब बिस्तर पर मर ना जाए इसलिए...
रात-रात भर हमको नींद जलानी पड़ती है..।

उम्र के आख़िरी मक़ाम पर किसी नॆ बताया...
बचपन के ठीक बाद एक जवानी पड़ती है..।

रोज तू अपने बच्चों को वो किस्सा सुनाना...
जिसके पहलू मॆं हमारी कहानी पड़ती है..।

इस क़द्र मैं उसको देखता रहता हूँ ‘ख़ब्तुल’...
आँख तलक अपने हाथ से हटानी पड़ती है..।
                            - ख़ब्तुल
                         संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

ठोकर

12 Love

White एक रिश्तें मॆं मोहब्बत है उसपर खून भी... काटकर देखे उन उंगलियोंके नाखून भी... कल मजबूरन घड़ी को कलाई काटनी पड़ी... वक्त ने आज़माएँ है दिसंबर मॆं जून भी..। ये आसमान उडते परिंदे की अमानत है... मिलने आए हो, उसूल भी साथ मॆं कानून भी..। किस्सा ख़त्म हुआ कहानी अधूरी छूट गयी... यूँ समझो कोट कहीं पर दूर है पतलून भी..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

#शायरी  White एक रिश्तें मॆं मोहब्बत है उसपर खून भी...
काटकर देखे उन उंगलियोंके नाखून भी...

कल मजबूरन घड़ी को कलाई काटनी पड़ी...
वक्त ने आज़माएँ है दिसंबर मॆं जून भी..।

ये आसमान उडते परिंदे की अमानत है...
मिलने आए हो, उसूल भी साथ मॆं कानून भी..।

किस्सा ख़त्म हुआ कहानी अधूरी छूट गयी...
यूँ समझो कोट कहीं पर दूर है पतलून भी..। 

                         - ख़ब्तुल
                      संदीप बडवाईक

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खून

13 Love

अब जाकर कहीं सुकून मिलेगा उसको... आज पहली दफ़ा आख़िरी साँस ली है..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

#शायरी  अब जाकर कहीं सुकून मिलेगा उसको...
आज पहली दफ़ा आख़िरी साँस ली है..।



                        - ख़ब्तुल 
                     संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

मौत

15 Love

#शायरी  White फ़क़त नींद मरी है ख़्वाब तो ज़िंदा जाएगा...
कि,अबके इंतख़ाब मॆं पसंदीदा जाएगा..।

प्यास तिरछी होगी फिर किसी दरिया की शायद...
हमारा अश्क निकला भी तो सीधा जाएगा..।

और कहो उससे प्यार से मान जाए “ख़ब्तुल”...
बिकने वाला हर हाल मॆं खरीदा जाएगा..।

                       - ख़ब्तुल
                    संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

प्यास

180 View

इतना ख़ामोश था मै कि,लोग सब सुन रहॆ थे... सिर्फ़ एक गुल के लिए दो-चार चमन रहॆ थे..। एक बिस्तर दो बदन को जला रहा था जब... हम उस वक़्त भी रात-रात रूह पहन रहॆ थे..। ये पहले से तय था कि,कोई नही आएगा... किसी के इंतज़ार मॆं फ़क़त आदतन रहॆ थे..। वो साँस तलक कितनी मौत मरा होगा ‘ख़ब्तुल’... एक ही लाश थी और हजारों कफ़न रहॆ थे..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

#शायरी  इतना ख़ामोश था मै कि,लोग सब सुन रहॆ थे...
सिर्फ़ एक गुल के लिए दो-चार चमन रहॆ थे..।
एक बिस्तर दो बदन को जला रहा था जब...
हम उस वक़्त भी रात-रात रूह पहन रहॆ थे..।
ये पहले से तय था कि,कोई नही आएगा...
किसी के इंतज़ार मॆं फ़क़त आदतन रहॆ थे..।
वो साँस तलक कितनी मौत मरा होगा ‘ख़ब्तुल’...
एक ही लाश थी और हजारों कफ़न रहॆ थे..।
                        - ख़ब्तुल
                     संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

आदतन

13 Love

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