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मेरे दिल के घरोधे में तेरा ही तो घर होगा तू मुसाफिर ही तो है हाँ मुझे खबर हैं पर तेरा कोई तो सफर होगा.....
|| में बुजदिल नहीं न ही कमजोर हूँ || || में वो हूँ जो हर किसी को छोड़ दूं || ©Shrivas
Shrivas
19 Love
उनके रूखसार पर धूप का चमकना लगता है जैसे कनक में नहाई हो और ऊपर से उनकी घनी जुल्फे जैसे घनघोर घटा बदरी की छाई हो और सुरमई आंखों में जो काजल लगाया उन्होंने लगता हे जैसे सागर की गहराई हो जो दरबान बिठा रखा हे अपने चेहरे पे मुश्किल हे उसपे किसी की नजर पड़ पाई हो ©Shrivas
17 Love
वो बांटते रहे सरेआम मोहब्बत गैरों को ओर एक हम जो तड़पते रहे उम्र भर उनके लिए ©Shrivas
13 Love
कोई तत्व नहीं कोई महत्व नहीं में हुआ अभी परिपक्व नहीं कुछ बाधाऐं जो आनी है कुछ जानी पहचानी है कोई दोष नहीं है मुझमें फिर तो होश नहीं है मुझमें में क्या हूँ में जान रहा हूँ हा थोड़ा सा ही पर पहचान रहा हूँ ©Shrivas
18 Love
निगाह ए दस्तूर न करिए हम जो रूठे तो दूर न करिए भरम हे तो भरम ही रहने दे आप हमे मजबूर न करिए ©Shrivas
White गुनाहगार तुम कम तो नहीं तुम सबको मिले पर हमको नहीं ©Shrivas
12 Love
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