writer Ramu kumar

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    मैं रामू कुमार     ...    आप तमाम भूमंडल वासियों तक. अपनी विचारधारा पहुंचाना चाहता हूं ,जो प्रकृति से ओतप्रोत हैं !जिसमें ना जाने कितने जीव शामिल हैं , मैं अपनी कहानी ,संवाद ,कविता ,नाटक, इत्यादी के माध्यम से उन तमाम सजीवों से रूबरू करवाना चाहता हूं ,जिससे बहुत से प्राणी अपरिचित हैं ,हमारे पर्यावरण में हो रही अनेकों कुप्रथाएं जो हमें रोज एक नई गलतियां करने को मजबूर करती हैं और हम जानते हुए भी यह गलत है ,,, लेकिन अनदेखा कर जाते हैं  -और उस दलदल में फंसते चले जाते हैं! जहां से चाहकर भी नहीं निकला जा सकता ?..                        कॉन्टेक्ट नंबर   (8528995273)

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White good evening ©writer Ramu kumar

#विचार #writerRamukumar #Sad_Status  White good evening

©writer Ramu kumar

#Sad_Status #writerRamukumar @Navab Mohammed Naqvi. @Sagar Madhupuri रॉयल वाटिका @GOPAL @Sethi Ji आज का विचार

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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी भाग 49 में आपका स्वागत है! बरसाती धूप पेड़ के पत्तों के बीच से झांक रहा था!कुछ चिड़ियों की टोली पेड़ के पत्तों पे जमे पानी के बुंदो को अपने होठों से छू छू कर खेल रहा था!कभी-कभी एक साथ कई सारे बूंद नीचे गिर जाते थे!जिससे ऐसा प्रतीत होता था, मानो जोर की बारिश शुरू हो गई हो! शिखा-मन में सोचती है दोपहर हो गई लेकिन अभी तक नंदू खाना खाने नहीं आये !लगता है उनका तबीयत फिर से खराब हो गया है!एक घंटा बित गया लेकीन नंदू का कोई थाह पता नहीं ! कुछ देर इंतजार करने के बाद, जब नंदू नहीं आता है, तो वह एक टिफिन में रोटी, दूध, सब्जी रख कर, सर पे दुपट्टा रखती हुई नंदू के क्वार्टर के तरफ निकल जाती है! वहां पहुंचकर दरवाजा खटखटाती है! नंदू-खाट पर पड़े-पड़े बोलता हैं, कौन हैं? शिखा- मैं हूं शिखा दरवाजा खोलीए, नंदू झटपट उठता है, अपना कपड़ा सही करता है, कुछ सामान वेसुधा स्थिति में पड़ होता है, उसे सही करता है, फिर दरवाजा खोलता है, चेहरे पर मुस्कान लेकर अंदर आने के लिए कहता है! शिखा टीफीन नंदू को देती हुई बोलती है! खाना खाने क्यों नहीं आऐ? ©writer Ramu kumar

#फ़िल्म #writerRamukumar #sad_quotes  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी भाग  49 में आपका स्वागत है!

बरसाती धूप  पेड़ के पत्तों के बीच से झांक रहा था!कुछ चिड़ियों की टोली पेड़ के पत्तों पे जमे पानी के बुंदो  को अपने होठों से छू छू कर खेल रहा था!कभी-कभी एक साथ कई सारे बूंद नीचे गिर जाते थे!जिससे ऐसा प्रतीत होता था, मानो जोर की बारिश शुरू हो गई हो!


शिखा-मन में सोचती है दोपहर हो गई लेकिन अभी तक नंदू खाना खाने नहीं आये !लगता है उनका तबीयत फिर से खराब हो गया है!एक घंटा बित गया लेकीन नंदू का कोई थाह पता नहीं !

कुछ देर इंतजार करने के बाद, जब नंदू नहीं आता है, तो वह एक टिफिन में रोटी, दूध, सब्जी रख कर, सर पे दुपट्टा रखती हुई  नंदू के क्वार्टर के तरफ निकल जाती है!
वहां पहुंचकर दरवाजा खटखटाती है!
नंदू-खाट पर पड़े-पड़े बोलता हैं, कौन हैं?
शिखा- मैं हूं शिखा दरवाजा खोलीए,
नंदू झटपट उठता है, अपना कपड़ा सही करता है, कुछ सामान वेसुधा स्थिति में पड़ होता है, उसे सही करता है, फिर दरवाजा खोलता है, चेहरे पर मुस्कान  लेकर अंदर आने के लिए कहता है! शिखा टीफीन नंदू को देती हुई बोलती है!  खाना खाने क्यों नहीं आऐ?

©writer Ramu kumar

आप सभी को सपनों की दुनिया में स्वागत है!! शुभ रात्रि! ©writer Ramu kumar

#writerRamukumar #विचार  आप सभी को सपनों की दुनिया में स्वागत है!!
शुभ रात्रि!

©writer Ramu kumar

#writerRamukumar @Arun Tripathi @Deep_26Nt Hashim Bannur | ಹಾಶಿಂ ಬನ್ನೂರು @Neha verma @Arshad Siddiqui आज का विचार

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#writerRamukumar #फ़िल्म #good_night  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 45) में आपका स्वागत है!

रास्ते में शिखा को देखकर,अचंभित स्वर में पूछता है, शिखा कहां जा रही हो?शिखा आश्चर्यचकित  होकर अपने बापू के तरफ देखती है,जैसे किसी चोर को एकाएक पुलिस पीछे से पकड़ लिया  हो,कुछ देर ठहर कर  बोलती है,नंदू को खाना खाने के लिए बुलाने जा रही थी,

कर्मचारी-सब्जी का थैला शिखा को देते हुए ,यह लो और क्वार्टर पर जाओ ,मैं उसे लेकर आ रहा हूं! शिखा वहीं से अपने क्वार्टर की तरफ चली आती है!
कर्मचारी नंदू के क्वार्टर पर पहुंचता है! देखता है कि, दरवाजा खुला पड़ा है,और नंदू निर्भीक होकर सो रहा है!कर्मचारी क्वार्टर में प्रवेश करता है,इधर उधर नजर दौड़ाता है!सारा सामान सही से रखा हुआ था, जिसके वजह से कमरा काफी सुंदर लग रहा था!लेकिन दरवाजा खुला होने के कारण,ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे किसी लहलाहाते खेत को,जानवर चरने के लिए  घेरा खोल दिया हो, और रखवाल कुंभकरण की नींद में सो रहा हो!

©writer Ramu kumar
#फ़िल्म #writerRamukumar #sunset_time #Hindi  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 44) में आपका स्वागत है!

शाम का समय-
आकाशीय खेत में तारे उग रहे थे,हवाएं गुमसुमा समा बांध चुकी थी,जुगनू अपने रोशनी के साथ,भोजन के तलाश में निकल चुके थे,!!

नंदू अपने क्वार्टर में, खाट पर ऐसे लेटा था,जैसे कोई अजगर बड़ा जानवर निगलने के बाद,अचेत अवस्था में पड़ा हो!
इधर -शिखा तरह-तरह की पकवान बनाकर , शबरी की भांति आंखें बिछाए बैठी थी!कर्मचारी ड्यूटी से छूटते ही,सब्जी लेने बड़े बाजार की तरफ निकल चुके थे!शाम अपना पोथी पत्रा रात को सौंप रहा था!


शिखा मन में विचार करती हैं,क्यों न नंदू को बुला लाउँ अब, कौन सा दूर रहते हैं, दस मिनट में तो पहुंच जाऊंगी, यही सोचती हुई एकाएक उठ कर खड़ी हो जाती है!
और नंदू के क्वार्टर के तरफ चल देती है!उसके मन में तरह-तरह के सवाल-जवाब उत्पन्न हो रहे थे, लेकिन सभी पे पर्दा डालती हुई आगे बढ़ती जा रही थी !उधर से कर्मचारी  सरपट भागते हुए आ रहे थे!

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#sunset_time #writerRamukumar #Life #Hindi @Urmeela Raikwar (parihar) @pramodini Mohapatra @arvind bhanwra ambala. India @Anshu writer Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio हिंदी फिल्म

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White good evening ©writer Ramu kumar

#विचार #writerRamukumar #Couple  White good evening

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#Couple #writerRamukumar @vikas singh @Rajesh Kumar Paul @h m alam s @Kusum Nishad Aman Singh आज शुभ विचार

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