writer Ramu kumar

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    मैं रामू कुमार     ...    आप तमाम भूमंडल वासियों तक. अपनी विचारधारा पहुंचाना चाहता हूं ,जो प्रकृति से ओतप्रोत हैं !जिसमें ना जाने कितने जीव शामिल हैं , मैं अपनी कहानी ,संवाद ,कविता ,नाटक, इत्यादी के माध्यम से उन तमाम सजीवों से रूबरू करवाना चाहता हूं ,जिससे बहुत से प्राणी अपरिचित हैं ,हमारे पर्यावरण में हो रही अनेकों कुप्रथाएं जो हमें रोज एक नई गलतियां करने को मजबूर करती हैं और हम जानते हुए भी यह गलत है ,,, लेकिन अनदेखा कर जाते हैं  -और उस दलदल में फंसते चले जाते हैं! जहां से चाहकर भी नहीं निकला जा सकता ?..                        कॉन्टेक्ट नंबर   (8528995273)

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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 62) में आपका स्वागत है! लेकिन विधाता को यह भी मंजूर नहीं! कमरे से चौराहे तक अभी पहुंचा नहीं ,तब तक कमरे का मालिक पीछे से नंदू का हाथ पकड़ लेता है! और बुलंद आवाज में पूछता है कहां जा रहे हो किसी ने बताया कि तुम घर जा रहे हो? नंदू उदासी की चादर संभालते हुए बोलता है जी हां  ,और मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है! कमरे का मालिक गरजते हुए और दो माह से जो किराया नहीं दिया है वह कौन देगा? नंदू अपने पैकेट से कलम निकालता है, और बिजली के खंभे पर एक पोस्टर लगा होता है!झट से उसी को उतार लेता है!और अपना घर का पत्ता लिख कर उसके हथेली पर रख देता है, और बोलता है कुछ दिनों में मैं आकर आपका किराया दे दूंगा, और यदि नहीं आ पाया तो आप इस पत्ते पर आकर चार गुना किराया ले जाइएगा! रूम मालिक अपना दांत निकाल कर हंसने लगता है! और बोलता है- इस दुनिया में सबसे बुद्धू हम हीं दिखते हैं क्या?वह कागज का टुकड़ा नंदू के हथेली पर रखते हुए, ये नौटंकी किसी और के सामने करना लाओ पहले किराया जमा करो! ©writer Ramu kumar

#फ़िल्म #writerRamukumar #Sad_Status  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 62) में आपका स्वागत है!

लेकिन विधाता को यह भी मंजूर नहीं! कमरे से चौराहे तक अभी पहुंचा नहीं ,तब तक कमरे का मालिक पीछे से नंदू का हाथ पकड़ लेता है! और बुलंद आवाज में पूछता है कहां जा रहे हो किसी ने बताया कि तुम घर जा रहे हो? नंदू उदासी की चादर संभालते हुए बोलता है जी हां  ,और मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है! कमरे का मालिक गरजते हुए और दो माह से जो किराया नहीं दिया है वह कौन देगा? नंदू अपने पैकेट से कलम निकालता है, और बिजली के खंभे पर एक पोस्टर लगा होता है!झट से उसी को उतार लेता है!और अपना घर का पत्ता लिख कर उसके हथेली पर रख देता है, और बोलता है कुछ दिनों में मैं आकर आपका किराया दे दूंगा, और यदि नहीं आ पाया तो आप इस पत्ते पर आकर चार गुना किराया ले जाइएगा! रूम मालिक अपना दांत निकाल कर हंसने लगता है!

और बोलता है- इस दुनिया में सबसे बुद्धू हम हीं दिखते हैं क्या?वह कागज का टुकड़ा नंदू के हथेली पर रखते हुए, ये नौटंकी किसी और के सामने करना लाओ पहले किराया जमा करो!

©writer Ramu kumar

White good morning ©writer Ramu kumar

#विचार #writerRamukumar #GoodMorning  White good morning

©writer Ramu kumar

White good night ©writer Ramu kumar

#विचार #writerRamukumar #good_night  White good night

©writer Ramu kumar

White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 61) में आपका स्वागत है! दोनों हंस आंसुओं की सागर में तैरने लगा!जो भी जमा पूंजी था धीरे-धीरे खत्म हो गया! अंत में सहारा देने वाला दीपक बेसहारा छोड़ कर हमेशा के लिए बुझ गया!  अंधेरे में विषाद दिन प्रतिदिन अपना विकराल रूप दिखाता रहा! नंदू सीखा के दुखों को समेटने में इतना व्यस्त हो गया, कि वह भूल गया कि मैं किसी कंपनी का एक मामूली सा नौकर हूं! हर एक सप्ताह में चार दिन छुट्टी ही रहता था!  किसी भी कंपनी को आपके दुख, समस्या ,आर्थिक कमजोरी, इन सब विषयों पर चिंतन करने से क्या फायदा!उसे तो सिर्फ अपना लाभ हानि से मतलब है! अंततोगत्वा नंदू को कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया! शिखा की आस जो नंदू पर टिकी थी, वह भी अब धुंधला नजर आने लगा!एक रोटी के लिए भी घंटों सोचना पड़ता था! किसी दिन रोटी नसीब होता तो किसी दिन वह भी नहीं! अंत में नंदू को अपना घर मां और पिताजी की याद आई! एक कहावत है-- चिड़िया चाहे उड़े आकाश,फिर करे धरती की आस!शिखा को साथ ले कर नंदू अपने गांव के लिए रवाना हुआ ©writer Ramu kumar

#फ़िल्म #writerRamukumar #good_night  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 61) में आपका स्वागत है!

दोनों हंस आंसुओं की सागर में तैरने लगा!जो भी जमा पूंजी था धीरे-धीरे खत्म हो गया! अंत में सहारा देने वाला दीपक बेसहारा छोड़ कर हमेशा के लिए बुझ गया!  अंधेरे में विषाद दिन प्रतिदिन अपना विकराल रूप दिखाता रहा! नंदू सीखा के दुखों को समेटने में इतना व्यस्त हो गया, कि वह भूल गया कि मैं किसी कंपनी का एक मामूली सा नौकर हूं! हर एक सप्ताह में चार दिन छुट्टी ही रहता था! 

किसी भी कंपनी को आपके दुख, समस्या ,आर्थिक कमजोरी, इन सब विषयों पर चिंतन करने से क्या फायदा!उसे तो सिर्फ अपना लाभ हानि से मतलब है! अंततोगत्वा नंदू को कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया! शिखा की आस जो नंदू पर टिकी थी, वह भी अब धुंधला नजर आने लगा!एक रोटी के लिए भी घंटों सोचना पड़ता था! किसी दिन रोटी नसीब होता तो किसी दिन वह भी नहीं!

अंत में नंदू को अपना घर मां और पिताजी की याद आई!

एक कहावत है-- चिड़िया चाहे उड़े आकाश,फिर करे धरती की आस!शिखा को साथ ले कर नंदू अपने गांव के लिए रवाना हुआ

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White good night ©writer Ramu kumar

#विचार #writerRamukumar #good_night  White good night

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#good_night #writerRamukumar @Arshad Siddiqui @sonu kumar babra @Naveen shamawritesBebaak_शमीम अख्तर @Lalit Saxena शुभ विचार

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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 60) में आपका स्वागत है! हंसते खेलते जीवन के पन्नों पर, किसी ने बड़ी बेरहमी से स्याही पलट दिया !और देखते ही देखते,  वह स्याही सफेद पन्ने को अपने आगोश में समेट लिया,और वह पन्ना किसी काम का नहीं रहा! ©writer Ramu kumar

#फ़िल्म #writerRamukumar #good_night  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 60) में आपका स्वागत है!

हंसते खेलते जीवन के पन्नों पर, किसी ने बड़ी बेरहमी से स्याही पलट दिया !और देखते ही देखते,  वह स्याही सफेद पन्ने को अपने आगोश में समेट लिया,और वह पन्ना किसी काम का नहीं रहा!

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