गूंगो को बोलना सिखायेगा कौन,
इस मतलबी ज़माने में आवाज़ उठायेगा कौन।
सड़क के गड्ढों से बच कर चलना हैं यह सबने बताया,
पर इन गड्ढों को किस्से भरवाना है यह बतायेगा कौन।
सबसे पहले वोट दो, सारे काम छोड़ दो सबने बताया।
पर वोट देने के बाद नेता जी के सामने बोलना सिखायेगा कौन।
मोमवत्ती लेकर सड़कों पर चलना तो सिखा दिया पश्चिमी देशों ने,
पर हमारी अपनी सभ्यता के बारे में बतायेगा कौन।
पांच साल में एक बार आने वाले नेता जी को,
उनके अधूरे वादे बतायेगा कौन।
पुराने नेता जी पुरानी सोच,युवा नेता नई अप्रोच,
पर युवा नेताओं को चाटुकारिता से बाहर लायेगा कौन।
नई सरकार नई योजना मतलब के हिसाब से हर घर तिरंगा योजना,
पर राष्ट्र ध्वज को अपमानित होने से बचायेगा कौन।
फसल आज, दाम कल, आवाज़ उठाई तो काम बंद,
ऐसे राजा से लड़ना सिखायेगा कौन।
काम आधा, प्रचार ज्यादा ऊपर से उसमे मीडिया का साजा,
ऐसे में इस देश का भला चाहेगा कौन।
ईमानदारी का पाठ स्कूल कॉलेज और टीवी तक ही चलेगा,
जिसका भी मौका लगेगा वही इस देश को ठगेगा।
फिर भला ईमानदारों की गिनती में आयेगा कौन।
गूंगो को बोलना सिखायेगा कौन,
इस मतलबी ज़माने में आवाज़ उठायेगा कौन।
©Abhishek Yadav
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