Sagar Oza

Sagar Oza

कुछ मसले है जो ताउम्र हल नहीं होंगे जो आज है हमारे, वो कल नहीं होंगे

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

वियोग में रोने वाले मनुष्य को देखना इस सृष्टि का सबसे भयावह दृश्य है । ©Sagar Oza

#विचार #sagaroza  वियोग में रोने वाले मनुष्य को देखना इस सृष्टि का सबसे भयावह दृश्य है ।

©Sagar Oza

#horror #sagaroza

15 Love

White कई संसार थे जिनमें से एक को चुनना था मैंने तुमको चुना । दो नैनो में सजोंगे कई ख्वाब थे मैंने उन ख्वाबों में से तुमको चुना । रात चिलमन थी सो हम दिया बुझाकर सो गये अंधेरे में जो रौशनी दिखी उसमे मैंने तुमको चुना । समुस्त ब्रह्मांड में कई रंग थे उन रंगों में से मैंने तुमको चुना । सारे क़ायनात का विलक्षण स्वरूप एक ही है उस स्वरूप में मैंने तुमको चुना। आसमान में कई तारे थे उन तारों में से मैंने तुम जैसे चमकता सितारा चुना । इस दुनियां में बहोत सा समय था सबके पास मैंने सबसे अच्छा समय में तुमको चुना । ©Sagar Oza

#कविता #sagarozashayari #sagarozagoogle #good_night #sagaroza  White कई संसार थे जिनमें से एक को चुनना था 
मैंने तुमको चुना ।

दो नैनो में सजोंगे कई ख्वाब थे 
मैंने उन ख्वाबों में से तुमको चुना ।

रात चिलमन थी सो हम दिया बुझाकर सो गये 
अंधेरे में जो रौशनी दिखी उसमे मैंने तुमको चुना ।

समुस्त ब्रह्मांड में कई रंग थे 
उन रंगों में से मैंने तुमको चुना ।

सारे क़ायनात का विलक्षण स्वरूप एक ही है 
उस स्वरूप में मैंने तुमको चुना।

आसमान में कई तारे थे 
उन तारों में से मैंने तुम जैसे चमकता सितारा चुना ।

इस दुनियां में बहोत सा समय था सबके पास 
मैंने सबसे अच्छा समय में तुमको चुना ।

©Sagar Oza

White हयात-ऐ-ग़म में तू उतरकर तो देख मुझे एक बार तू दांव पर लगाकर तो देख जा निसार ना कर दु में तुझ पर तो तू कहना पर तु एक बार अदाओं से मुझको बहलाकर तो देख है हुस्न तुम्हारे पास तो एक बार मुझको आज़माकर देख में यूँही नहीं तेरी बाहों में सिमटने वाला तू इश्क़ हक़ीक़ी निभाकर तो देख देखो जी भर के कर लो तुम मिज़ाजी अपने मिजाज की में तेरा साथ तब भी ना दू तो तू मुझको कहकर देख ©Sagar Oza

#शायरी #sad_shayari  White हयात-ऐ-ग़म में तू उतरकर तो देख 
मुझे एक बार तू दांव पर लगाकर तो देख

जा निसार ना कर दु में तुझ पर तो तू कहना
पर तु एक बार अदाओं से मुझको बहलाकर तो देख

है हुस्न तुम्हारे पास तो 
एक बार मुझको आज़माकर देख

में यूँही नहीं तेरी बाहों में सिमटने वाला 
तू इश्क़ हक़ीक़ी निभाकर तो देख

देखो जी भर के कर लो तुम मिज़ाजी अपने मिजाज की 
में तेरा साथ तब भी ना दू तो तू मुझको कहकर देख

©Sagar Oza

#sad_shayari

17 Love

छूट कुछ गये जो साथी राह में अब आगे बढ़ जाना है जो ख़्वाब टूट गये थे उनको छोड़कर अब आगे बढ़ जाना है ढल जाएगी ये रात भी इस तरह देर बडेर दिन को आगे बढ़ जाना है इस जहाँ में हर कोई मुसरीफ़ है अपनी अना में छोड़कर सब को अब आगे बढ़ जाना है आगे बढ़ने का नाम ही तो जिन्दगी है छोड़ तू अब सब मरहलों को बस आगे बढ़ते जाना है कोई आएगा कोई जएगा , रुकना है जिसको वो तो बस रुक जाएगा फिक्र न कर तू कल की बस आगे बढ़ते जाना है ©Sagar Oza

#कविता #sagarozashayari #arabianhorse #sagaroza  छूट कुछ गये जो साथी राह में
अब आगे बढ़ जाना है

जो ख़्वाब टूट गये थे उनको छोड़कर
अब आगे बढ़ जाना है

ढल जाएगी ये रात भी इस तरह 
देर बडेर दिन को आगे बढ़ जाना है

इस जहाँ में हर कोई मुसरीफ़ है अपनी अना में 
छोड़कर सब को अब आगे बढ़ जाना है

आगे बढ़ने का नाम ही तो जिन्दगी है 
छोड़ तू अब सब मरहलों को बस आगे बढ़ते जाना है

कोई आएगा कोई जएगा , रुकना है जिसको वो तो बस रुक जाएगा
फिक्र न कर तू कल की बस आगे बढ़ते जाना है

©Sagar Oza

ram lalla कोई तुम पर क्या काव्य करेगा तुम खुद ही एक महाकाव्य हो राम । ©Sagar Oza

#पौराणिककथा #ramlalla  ram lalla कोई तुम पर क्या काव्य करेगा 
तुम खुद ही एक महाकाव्य हो राम ।

©Sagar Oza

#ramlalla

16 Love

लोगों के मुताबिक नज़र आने की, अदा सीख रहा हूँ ज़माने की। किसी भी तरह घर में ठहर जाऊँ, तलाश है मुझे बस एक बहाने की। इसीलिए दरवाजा खोला नहीँ था, उम्मीद नहीं थी तेरे आने की। कमरे को देखकर हंसी आ जाती है, कोई बाते करता था इसे सजाने की। इस डर से भी कि तू रो ना पड़े, हिम्मत नहीं मेरी कहानी बताने की। मांगने मे कोई कसर नहीं छोड़ी, अब देरी है दुआओं के असर दिखाने की। वैसे वाजिब तो यही है मगर ख्वाहिश नहीं है, तेरी जगह किसी और को बैठाने की। काट दो ये गवारा है मुझे, ख़ून इजाजत नहीं देता सर झुकाने की। बाल भी कटवा लिए और काम पर भी जाने लगा, हाँ, अब तैयारी ही है तुझे भुलाने की। ©Sagar Oza

#कविता #sagarozashayari #sagarozagoogle #StandProud #sagaroza  लोगों के मुताबिक नज़र आने की, 
अदा सीख रहा हूँ ज़माने की। 

किसी भी तरह घर में ठहर जाऊँ, 
तलाश है मुझे बस एक बहाने की। 

इसीलिए दरवाजा खोला नहीँ था, 
उम्मीद नहीं थी तेरे आने की। 

कमरे को देखकर हंसी आ जाती है, 
कोई बाते करता था इसे सजाने की। 

इस डर से भी कि तू रो ना पड़े, 
हिम्मत नहीं मेरी कहानी बताने की। 

मांगने मे कोई कसर नहीं छोड़ी, 
अब देरी है दुआओं के असर दिखाने की। 

वैसे वाजिब तो यही है मगर ख्वाहिश नहीं है, 
तेरी जगह किसी और को बैठाने की। 

काट दो ये गवारा है मुझे, 
ख़ून इजाजत नहीं देता सर झुकाने की। 

बाल भी कटवा लिए और काम पर भी जाने लगा, 
हाँ, अब तैयारी ही है तुझे भुलाने की।

©Sagar Oza
Trending Topic