छूट कुछ गये जो साथी राह में
अब आगे बढ़ जाना है
जो ख़्वाब टूट गये थे उनको छोड़कर
अब आगे बढ़ जाना है
ढल जाएगी ये रात भी इस तरह
देर बडेर दिन को आगे बढ़ जाना है
इस जहाँ में हर कोई मुसरीफ़ है अपनी अना में
छोड़कर सब को अब आगे बढ़ जाना है
आगे बढ़ने का नाम ही तो जिन्दगी है
छोड़ तू अब सब मरहलों को बस आगे बढ़ते जाना है
कोई आएगा कोई जएगा , रुकना है जिसको वो तो बस रुक जाएगा
फिक्र न कर तू कल की बस आगे बढ़ते जाना है
©Sagar Oza
#arabianhorse #sagaroza #sagarozashayari