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author, editor, poet, lyricist and legal advisor
कोई किसी का,किस पल हो, ऐसी ही वो सोच बनाता है, फिर किसी दिल की खोज के कारण, आपस में कहीं मिलवाता है, फिर बनते हैं बंधन कहीं, ज्यों गूंथी रहती हैं कई पंखुड़ियांआपस में , एक पुष्प बनाने को, धरा को न जाने कितने पुष्पों से सजाने को...!!! ©Vivek
Vivek
18 Love
green-leaves बहुत कुछ कहने का सब, लिखा मैने खत में, हर शब्द की प्यारी सी आंखों में, उसकी एक झलक में,कितना अच्छा महसूस किया मैंने, उसकी ज़रा मदद में,साथ उन्हें ले आया, किसी के पास से, इतनी दूर तलक में...!!! ©Vivek
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कह दिया सब,जो किसी से न कहा, दिल में अब कुछ भी,बाकी न रहा,आओ मिलो, और कुछ तुम भी कहो, ख़ुद से ही बोलो,पर यूं न चुप रहो...!!! ©Vivek
14 Love
हे तारों की चित्रावली,मैंने हर तारे में,तुम्हारा जो चित्र बनाया है,उस आसमां में बैठा हुआ चांद,अपनी शर्माती पलकों से मुझे जो कहता है, वो सिर्फ़ तुम ही जानती हो...!!! ©Vivek
11 Love
मैं जानता हूं , तुमने मुझे याद किया है, बिल्कुल वैसे ही मेरे दोस्त, तुम मुझे याद आए हो...!!! ©Vivek
13 Love
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