Vivek

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author, editor, poet, lyricist and legal advisor

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हे तारों की चित्रावली,मैंने हर तारे में,तुम्हारा जो चित्र बनाया है,उस आसमां में बैठा हुआ चांद,अपनी शर्माती पलकों से मुझे जो कहता है, वो सिर्फ़ तुम ही जानती हो...!!! ©Vivek

#कविता #तारे  हे तारों की चित्रावली,मैंने हर तारे में,तुम्हारा जो चित्र बनाया है,उस आसमां में बैठा हुआ चांद,अपनी शर्माती पलकों से मुझे जो कहता है, वो सिर्फ़ तुम ही जानती हो...!!!

©Vivek

मैं जानता हूं , तुमने मुझे याद किया है, बिल्कुल वैसे ही मेरे दोस्त, तुम मुझे याद आए हो...!!! ©Vivek

#दोस्त #कविता #तुम  मैं जानता हूं , तुमने मुझे याद किया है, बिल्कुल वैसे ही मेरे दोस्त, तुम मुझे याद आए हो...!!!

©Vivek
#कविता  


वर्णन सौंदर्य का अपूर्व, छटा देह की निराली, बिंदिया माथे पे सोहे,लाल,गुलाबी, मतवाली, गजरा चमेली केश सजाए, आँखें बोले कजरारी, दूर झरोखे में मुस्काएं, मेरे मोहन त्रिपुरारी...!!!

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# सौंदर्य

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#तनहाइयाँ #शायरी  बेचैनियाँ बेवजह वहां होती हैं
लंबी तन्हाईयां जहां होती हैं...!!!

©Vivek
#मुस्तैद #कविता  धड़कनों में जब  संग जीने का भरोसा क़ैद हो 
हर साँस भी जब  साथ जीने को मुस्तैद हो 
तब तुम  याद कर हमें  गुलाब बन कहीं भी  खिल जाना 
हमें बुला लेना  या  तुम हमसे मिल जाना...!!!

©Vivek
#मुस्कराहट #कविता  आंखों की मुस्कराहट लबों पे
लबों की मुस्कराहट आंखों में
कितना कुछ कहती है 
वो अपनी मीठी बातों में...!!!

©Vivek
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