White
जो बात है दबी इस दिल में, वो सुनाऊं किसे
बंद अंधेरे कमरों में रोशनी, मैं लाऊँ कहाँ से
यूं तो कहने को हैं साथ बहुत से,
पर अपने हमदर्द का साथी बनाऊं किसे
जो बात है दबी इस दिल में, वो सुनाऊँ किसे
पग-पग एक डर का साया है,
उस डर को मैं बताऊं किसे
कोई ना है समझने वाला,
फिर इस दिल कि बातों को समझाऊ किसे
जो बात है दबी इस दिल में, वो सुनाऊं किसे
©Anwesha Singh
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