White अंजान सफर से चले थे,
फिर अंजाने हो गए
कोशिश बहुत कि थी रोकने की
पर तुम कभी रुकना ही नहीं चाहे
आसान नहीं था मेरे लिए भी
पर मैंने हर एक वादा निभाया
तुमने तो कभी हाल भी ना सुनाया
ये कैसा साथ तुमने निभाया
चलना था ज़िन्दगी भर साथ हमें
फिर क्यूँ कदम तुमने पीछे हटाया
पूछा था एक रोज़ मैंने कभी
सपनों में मैं तेरे जीने हूं लगी
कहा था तूने तेरा साथ निभाऊँगा
फिर बीच में ही क्यूँ हाथ तुने छुडाया
हमसफर कि राह में फिर अंजाने हो गए
तुमसे मिले थे हम फिर अंजाने हो गए!!
©Anwesha Singh
#GoodMorning #SAD #yaadein #foryou प्रेम कविता