a-person-standing-on-a-beach-at-sunset " सरस्वती वंदना"
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
विद्यादायिनी, ज्ञान विषारद
हम दिन बालक तुझको उच्चारत।
ऋषि मुनि सभी तुझको उच्चारत।
तेरे पुंजू चरण दर पे।
हे मां सरस्वती, रख हाथ मेरे सरपे।
हे मां शारदे, मेरा जीवन सफ़ल करदे।।
शास्त्रों और विज्ञानों में, तू हैं वेद पुराणों में।
महाभारत रामायण में भी, बसी हैं सबकी जुबानों में।।
रूप तुम्हीं हो गुरुवर के
हे मां सरस्वती......२
तू ही जननी श्रृष्टि हैं, ज्ञान बुद्धि प्रकृति हैं।
पशु पक्षी सभी जीव चराचर, की तू मईया दृष्टि हैं।।
दानव मानव सभी रंक राजा की, तू मईया दृष्टि हैं।।
तेरे दर्शन को तरसे।
हे मां सरस्वती........२
भाव भरी भवभूति मां, श्रद्धा प्रेम की भूखी मां।
सुषमा सुकून मांगे रौशनी, करे बंदगी प्रार्थना।।
विद्यार्थी को ज्ञान भर दें।
मांगू आशीष प्रकाश वरदे
हे मां सरस्वती...…
स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार
©Prakash Vidyarthi
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here