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White क्रोध और इंसानियत दोनों एक साथ नहीं रह सकते... ©कवि मनोज कुमार मंजू
कवि मनोज कुमार मंजू
15 Love
White झूठ बिक रहा शो रूमों में, सच फुटपाथों का मोहताज सिंह घूमता गलियारों में, सिंहासन गिरगिट का राज उम्मीदें गैरों से करता, खुद पर बची नहीं है आस चेले नहीं हजारों चोले, संत वही तो आज है खास ©कवि मनोज कुमार मंजू
14 Love
White फलदार वृक्ष की झुकती हैं डालियाँ... सीधे तो वही खड़े हैं... जिनकी खोखली जड़ें हैं... ©कवि मनोज कुमार मंजू
13 Love
White हर बार संतान ही गलत नहीं होती... कभी-कभी अपने कर्म और संस्कार भी देख लेने चाहिए... ©कवि मनोज कुमार मंजू
12 Love
Men walking on dark street माँ के ऊपर पानी भी गिरा दोगे तो गुस्सा करेगी... ये पिता ही है जिसके ऊपर तुम शूशू भी कर दोगे तो खुश होता है... ©कवि मनोज कुमार मंजू
#पापा... तुम थे... तो बेखौफ जमाने से लड़ जाता... जानता था... तुम सब सम्भाल लोगे... अब तो कुछ कहने से पहले भी... सौ बार सोचता हूँ... जानता हूँ... अब सब कुछ मुझे ही सम्भालना है... तुम जो नहीं हो... ©कवि मनोज कुमार मंजू
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