SHIVA KANT(Shayar)

SHIVA KANT(Shayar)

Writer✍️✍️ Born to shine on 03 Oct अभी सूरज की तरह तप रहा हूँ, कल सूरज की तरह चमकूँगा भी🌞😊😊🌞

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White मुस्कुराते नज़र आते हैं ये जो,नज़ारे आजकल..! आशिकी में डूबे हैं न जाने,कितने हसीं पल..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#Nazaare  White मुस्कुराते नज़र आते हैं ये जो,नज़ारे आजकल..!
आशिकी में डूबे हैं न जाने,कितने हसीं पल..!

©SHIVA KANT(Shayar)

#Nazaare

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White भवसागर में मन के मेहरमाँ, एहसासों की नदियों के किनारे तुम..! हसीं ख़्यालों में रहने वाले, ख़्वाब सबसे प्यारे तुम..! जब जब मिली न निग़ाहें तुमसे, बेचैन दिल के सहारे तुम..! हम ख़ुद हो जायें रात अँधेरी, बनो जगमगाते सितारे तुम..! ढलती ज़िन्दगी में उदित सूर्ये सा, सर्वदा कुछ यूँ पधारे तुम..! रंगहीन कोई चलचित्र में, ख़ूबसूरती भरे नज़ारे तुम..! कोई चाह न राह तुम बिन सनम, अब से हो गए हमारे तुम..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#sabsepyaretum  White भवसागर में मन के मेहरमाँ,
एहसासों की नदियों के किनारे तुम..!

हसीं ख़्यालों में रहने वाले,
ख़्वाब सबसे प्यारे तुम..!

जब जब मिली न निग़ाहें तुमसे,
बेचैन दिल के सहारे तुम..!

हम ख़ुद हो जायें रात अँधेरी,
बनो जगमगाते सितारे तुम..!

ढलती ज़िन्दगी में उदित सूर्ये सा,
सर्वदा कुछ यूँ पधारे तुम..!

रंगहीन कोई चलचित्र में,
ख़ूबसूरती भरे नज़ारे तुम..!

कोई चाह न राह तुम बिन सनम,
अब से हो गए हमारे तुम..!

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green-leaves रद्दी समझा गया उन्हें हमेशा,जिनसे ज़रुरत कम होती गई..! वास्तविकता को छोड़ ज़िन्दगी,फिर ख़्यालों में खोती गई..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#zindagikasafar #GreenLeaves  green-leaves रद्दी समझा गया उन्हें हमेशा,जिनसे ज़रुरत कम होती गई..!
वास्तविकता को छोड़ ज़िन्दगी,फिर ख़्यालों में खोती गई..!

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White तुम्हारा साथ जैसे- धूप में छाँव का, शहर में बसे गांव का..! तुम्हारा साथ जैसे- नदी में बहते पानी का, बच्चे को जवानी का..! तुम्हारा साथ जैसे- चाँद को सितारे का, डूबते को किनारे का..! तुम्हारा साथ जैसे- बीमार को दवा का, पंछी को हवा का..! तुम्हारा साथ जैसे- हार को जीत का, प्रेमी को प्रीत का..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#tumarasathjaise #GoodNight  White  तुम्हारा साथ जैसे-
धूप में छाँव का, 
शहर में बसे गांव का..! 
तुम्हारा साथ जैसे-
नदी में बहते पानी का,
बच्चे को जवानी का..!
तुम्हारा साथ जैसे-
चाँद को सितारे का,
डूबते को किनारे का..!
तुम्हारा साथ जैसे-
बीमार को दवा का,
पंछी को हवा का..!
तुम्हारा साथ जैसे-
हार को जीत का,
प्रेमी को प्रीत का..!

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Unsplash चाँद का परिचय पूछे कोई जब,नाम तेरा मैं लेता हूँ..! दिल क्या चाहे सनम तू,अपनी जान तुझे मैं देता हूँ..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#chandkaparichay #library  Unsplash  चाँद का परिचय पूछे कोई जब,नाम तेरा मैं लेता हूँ..!
दिल क्या चाहे सनम तू,अपनी जान तुझे मैं देता हूँ..!

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White गुज़र रही है ज़िन्दगी, तुझ बिन बेसब्र..! अरमानों की लिए, मन में मेहरमाँ क़ब्र..! क्या करें ख़्यालों का, जिसमें रहती हो मेरे हमसफ़र..! यादों का एक महल था कभी जो, अब बन चुका है खँडहर..! चाहतों का चाँद देख, काँप रहे लब थर थर..! मिल जाओ तुम जो, खिल जाएँ ख़्वाहिशें जीवनभर..! कैसे हों हम तुम एक संग, बने मुलाक़ात का कोई अवसर..! बेचैनियों में रहें कब तक, हम ख़ुद से भी बेख़बर..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#humsafar  White  गुज़र रही है ज़िन्दगी,
तुझ बिन बेसब्र..!
अरमानों की लिए,
मन में मेहरमाँ क़ब्र..!

क्या करें ख़्यालों का,
जिसमें रहती हो मेरे हमसफ़र..!
यादों का एक महल था कभी जो,
अब बन चुका है खँडहर..!

चाहतों का चाँद देख,
काँप रहे लब थर थर..!
मिल जाओ तुम जो,
खिल जाएँ ख़्वाहिशें जीवनभर..!

कैसे हों हम तुम एक संग,
बने मुलाक़ात का कोई अवसर..!
बेचैनियों में रहें कब तक,
हम ख़ुद से भी बेख़बर..!

©SHIVA KANT(Shayar)

#humsafar

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