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इरफान
फूलों सी आज फिर उनसे बातें बेशूमार किया है हमने इशारों इशारों में प्यार का इज़हार किया है हमने बातें मोहब्बत की हम वर्षो से करते हैं उनसे बस सिर्फ़ उनके हां का इंतजार किया है हमने ©I N
I N
16 Love
जुल्फें बिखरी हैं उनकी और आंखें ख़ामोश हैं चेहरा खिला है मगर दिल कहीं मदहोश है जब देखा है तुमको बस देखता रहता इरफ़ान अपनी ना ख़बर कोई ना अब कोई होश है ©I N
9 Love
उफ्फ ये आदाएं क्या ला जवाब है रुखसार ऐसा जैसे खिलता गुलाब है ऐसा लगता है तुम दिसम्बर की धूप हो नशा आखों में ऐसी जैसे पुरानी शराब है ©I N
White खुली जुल्फ़ों हैं और रंगत सुनहरा है खुशनुमा चेहरे पर चांद का पहरा है मासूमियत ऐसी खिलती है उनके चहेरे पर इरफान जैसे पत्थरों के बीच समन्दर का पानी ठहरा है ©I N
17 Love
White जुल्फें बिखरा कर ये कैसी शीतम ढाती हो सब समझकर भी अंजान बन जाती हो मैं तुमको अपना मानकर हर रोज़ जीता हूं मगर तुम हर घड़ी हरपल मुझको सताती हो ©I N
10 Love
वो एक सख्श जो मेरे दिल को भाता है जिसका मुखड़ा देख चांद भी शर्माता है जिनके खातिर हम जान लिए फिरते हैं बस वही सख्श हमेशा मुझे सताता है ©I N
13 Love
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