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Shree Shayar

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Shree's Live Show

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Wednesday, 19 March | 03:45 pm

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Wednesday, 19 March | 03:43 pm

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White देखिए इस लौ को दीपक,, तुम्हारे सीने रूठकर गगन को अपना रहीं हैं यह अदा इस ज़हां रस्म रही बाद हर एक क़दम के मंज़िल की राह और हसीं हैं दामन में रोशनी की फ़िर भी तुम्हारे ज़हां में अंधेरा है इन हालात के चलते इसकी वफ़ा गगन से क्या कहती है तुमसे लिपटूं तो कोई तुमसे लिपटा न देखे इतना रोशन कर दूं कोई फ़िर अंधेरा न देखे ©Shree Shayar

#कविता #happy_diwali  White देखिए इस लौ को दीपक,,
तुम्हारे सीने रूठकर गगन
को अपना रहीं हैं 
यह अदा इस ज़हां रस्म रही
बाद हर एक क़दम के मंज़िल 
की राह और हसीं हैं 
दामन में रोशनी की फ़िर भी 
तुम्हारे ज़हां में अंधेरा है 
इन हालात के चलते 
इसकी वफ़ा गगन से 
क्या कहती है 
तुमसे लिपटूं तो   कोई तुमसे लिपटा न देखे 
इतना रोशन कर दूं कोई फ़िर अंधेरा न देखे

©Shree Shayar

#happy_diwali

14 Love

Poetry Nights

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Friday, 14 February | 04:55 pm

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White किसी के दिल में धड़कते वो हाल थे हम भी,, सुरीला गीत से लय भटके ताल थे हम भी//1 हमारे हाल पे यूं रोए धड़कने दिल की,, तुम्हारे साथ कहां बे-ताल थे हम भी//2 हमारे साथ निगाहों से इक कयामत थी,, संभाले आपको वह बेमिसाल थे हम भी//3 इसीलिए तो हमें नाज़ है रही धड़कन,, संभाला आपने वरना बेहाल थे हम भी//4 श्रीधर ,, श्री उज्जैन,,मध्यप्रदेश ©Shree Shayar

#शायरी #Thinking  White किसी के दिल में धड़कते वो हाल थे हम भी,,

सुरीला गीत से  लय  भटके  ताल थे हम भी//1


हमारे हाल पे यूं रोए धड़कने दिल की,,

तुम्हारे साथ कहां बे-ताल  थे हम  भी//2


हमारे साथ निगाहों से इक कयामत थी,,

संभाले आपको वह बेमिसाल थे हम भी//3


इसीलिए तो हमें नाज़ है रही धड़कन,,

संभाला आपने वरना बेहाल थे हम भी//4

श्रीधर ,, श्री 
उज्जैन,,मध्यप्रदेश

©Shree Shayar

#Thinking

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White ऐ मेरे दिल,, तूफ़ान से दोस्ती रख,कि ज़द में वह दुनिया समेटे फिरता है इसके लिए इतना हो ख़ुद से क़तरा बनकर फ़िर मंज़र तेरे दो ज़हान क्या धरती क्या आसमान छोड़ दे यह भरम कि पत्थर हूं यह अहम बस धरती के हुए तो अब आग़ाज़ कर धड़कन से अब क़ायनात की सैर होगी बस तूफ़ान की हद को होना है फ़िर अपना बस अपना हर कोना है बहते रहेंगे हम से लहू की तरहा जज़्बात ज़हान के मचलते रहेंगे हर तरफ़ दो सितारे अब आसमान के तू चांद तो मैं तेरे की बिंदिया बनूं स्याह चादर से लिपटी रहूं अफ़सोस यह दर रोज़ मुमक़िन नहीं ©Shree Shayar

#विचार #Sad_Status  White ऐ मेरे दिल,,
तूफ़ान से दोस्ती रख,कि ज़द में वह दुनिया समेटे फिरता है 
इसके लिए इतना हो ख़ुद से क़तरा बनकर फ़िर मंज़र तेरे दो ज़हान 
क्या धरती क्या आसमान छोड़ दे यह भरम कि पत्थर हूं 
यह अहम बस धरती के हुए 
तो अब आग़ाज़ कर धड़कन से अब क़ायनात की सैर
होगी बस तूफ़ान की हद को होना है 
फ़िर अपना बस अपना हर कोना है 
बहते रहेंगे हम से लहू की तरहा जज़्बात ज़हान के
मचलते रहेंगे हर तरफ़ दो सितारे अब आसमान के

तू चांद तो मैं तेरे की बिंदिया बनूं 
स्याह चादर से लिपटी रहूं 

अफ़सोस यह दर रोज़ मुमक़िन नहीं

©Shree Shayar

#Sad_Status श्री

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