Pratik Patil Patu

Pratik Patil Patu

Pratik Patil (patu), an aspiring poet from Ichalkaranji is  a Psychology student, who also is an International rated Chess player. He is assisting many people to overcome their emotional challenges, as a frank friend His Vision Is ... To Make Infrastructural Changes , For Handicapped. To Make Our Earth Handicap Friendly. PRATIK PATIL (PATU) literature is easily available on internet contact - 8208423930

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 चलते हुए बार-बार गिरा हूं
हजार बार गिरा हूं
सर  फोड़ा है
 खुद को भी तोड़ा है 
तब चलना सीखा है!

मगर किसी ने नहीं कहा
की "बेटा चलना छोड़ दे!"

गिर गया में एक बार गाड़ी से!

कौन है वह? जो कहता है
" बेटा गाड़ी चलाना छोड़ दे!"

©Pratik Patil Patu

खुद को तोड़ा है तब चलना सीखा है attitude shayari in hindi

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#sad_shayari #Quotes  White परिस्थितीच्या चटक्यांनी काळीज भाजून निघाल्यानंतर, अश्रूंनी भरलेल्या डोळ्यांसह, भावनांच्या प्रेमळ, निर्मळ, तर कधी कधी वादळी लाटांशी निरंतर झुंजत असताना अनाहूतपणे मी शब्द-सागरात बुडून जातो.  अचानक माझ्या हातांना काही मोती लागतात, मला जमेल तसं मी त्यांना एका माळेत गुंफतो आणि एक सुंदर कविता तयार होते.

©Pratik Patil Patu

#sad_shayari quotes life quotes in hindi silence quotes

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#कोट्स #Hope

#Hope good night quote

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#विचार

# सच्ची मित्रता क्या है?

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#कविता #saveindia  जंगल खतरे में है!

इस जंगल को नारंगी, होने नहीं दूंगा
हरे पेड़ों को फूलों को, झड़ने नहीं दूंगा
हरियाली  को मैं कटने नहीं दूंगा
चांद और सूरज को बटने नहीं दूंगा
इस विविधता को मैं मिटने नहीं दूंगा

जंगल का कानून, सबके लिए समान है
किसी शेर कि यहां पर, चलने नहीं दूंगा
क्या हुआ जो आ गए कुछ करकमल
फैलाने दंगल, जलाने जंगल…
यह अमंगल, मैं होने नहीं दूंगा!

यह जंगल हमारा है!
यहां का हर जीव- जंतु ,पेड़- पौधा प्यारा है
बीच सबके भाईचारा है
इस बात को मैं, बुलाने नहीं दूंगा
जंगल को बंजर होने नहीं दूंगा

©Pratik Patil Patu

जंगल खतरे में है, उठो जागो बचाओ इसे #saveindia

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#Reality #Holi #SAD  होली

जो कलियां खिली ही नहीं
जो फूल बने ही नहीं
रोशनी जिन्हें मिली ही नहीं
 उन प्यारो की होली कैसी होगी?

जो हीरे भूल गए अपनी खान को
जो तारे भूल गए जहान को
रात में अकेले, कपकपाते हुए 
उस आसमान की होली कैसी होगी?

पुष्प भूल गए, पुष्पाद को
पत्तों ने छोड़ा जिस पादप को
छांव देते देते जो मुरझा गई
उस डाली की होली कैसी होगी?

जिनका कोई नहीं
घोसले से बाहर आना नहीं
उन परफटे पंछियों की होली
कैसी होगी?

जिसे जान से मिट्टी प्यारी
हरदम रक्षा करे हमारी
वह जो झेलता है गोली
उस रक्तपुष्प की होली,  कैसी होगी?

©Pratik Patil Patu

#Holi #SAD #Reality इनकी होली कैसे होगी?

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