जंगल खतरे में है!
इस जंगल को नारंगी, होने नहीं दूंगा
हरे पेड़ों को फूलों को, झड़ने नहीं दूंगा
हरियाली को मैं कटने नहीं दूंगा
चांद और सूरज को बटने नहीं दूंगा
इस विविधता को मैं मिटने नहीं दूंगा
जंगल का कानून, सबके लिए समान है
किसी शेर कि यहां पर, चलने नहीं दूंगा
क्या हुआ जो आ गए कुछ करकमल
फैलाने दंगल, जलाने जंगल…
यह अमंगल, मैं होने नहीं दूंगा!
यह जंगल हमारा है!
यहां का हर जीव- जंतु ,पेड़- पौधा प्यारा है
बीच सबके भाईचारा है
इस बात को मैं, बुलाने नहीं दूंगा
जंगल को बंजर होने नहीं दूंगा
©Pratik Patil Patu
जंगल खतरे में है, उठो जागो बचाओ इसे
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