उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको हम तो कुछ भी देने के बाबिल नहीं, देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको! गरीब दूर तक चलता हे… खाना खाने के लिए… अमीर दूर तक चलता हे … खाना पचाने के लिए … कीसी के पास खाने के लिये एक वक्त की रोटी नहीं हे ….. कीसी के पास रोटी खाने के लिए वक़्त ही नहीं हे … कोई लाचार हे इस लिए बीमार हे, कोई बीमार हे इस लिये लाचार हे कोई अपनों के लिए रोटी छोड देता हे, कोई रोटी के लिए अपनों को छोड़ देता हे ये दुनीया भी कितनी निराली हे .. कभी वक़्त मीले तो सोचना… कभी छोटी सी चोट लगनेपे रोते थे, आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते हें! पहेले हम दोस्तों के सहारे रहते थे, आज दोस्तों की यादो मे रहते है! पहले लड़ना मारना रोज़ का काम था, आज एक बार लड़ते हें तो रिश्ते खो जाते हे! सच में जिन्दगीने बहुत कुछ सिखादिया, जाने कब हम को इतना बड़ा बना दिया ……
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