Devraj singh rathore

Devraj singh rathore Lives in Bilaspur, Chhattisgarh, India

जो लोगो को खुद को भुला कर मेरी मोहब्बत की दुनिया मे ले जाये वो गीत लिखने का जुनून है,,, follow facebook- devraj singh mahendra kumar rathore instagram - rathore.devrajsingh whatsapp -8770328413

  • Latest
  • Popular
  • Video

White एक वक्त है जो बीतता नही है, एक भरा हुआ जिम्मेदारियों का आदमी, दर्द में भी चीखता नही है, वो मुस्कुराता है जमाने को बताने के लिए, वो लड़ता है जी जान से पर कभी जीतता नही है, जमाना उसी नजरो से उसे तौलता है, जिस नज़रों से ज़माने को अपनी बारी में बुरा लगा था, सब साथ छोड़ दिए थे उसके, वो जान नही पता कौन गैर कौन सगा था, वो लड़ता है ईश्वर से,मंदिर भी जाता है, सब बुरा के बाद भी ईश्वर से अच्छा की उम्मीद पाता है, जो बीती वक्त के साथ उसके, आज वर्तमान उसके कदमों पर प्रश्न कर रहा है, उसने तब भी सही ही किया था, जिसका आज वो कीमत भर रहा है, वो रोता है,हंसता है परिस्थिति से लड़ने को ठानता है पर वो शक्श हार नहीं मानता है, क्योंकि वो हर हाल में मुस्कुराना जानता है । अगर सफलता अपने पर अभिमान करेगी, तो उसे भी एक दिन असफलता को चखना होगा, ये ऐसा पुरस्कार है ईश्वर का, जिसे उसे नही तो अगली पीढ़ी को रखना होगा ।। ~ देववाणी ©Devraj singh rathore

#hindi_diwas  White एक वक्त है जो बीतता नही है,
एक भरा हुआ जिम्मेदारियों का आदमी,
दर्द में भी चीखता नही है,
वो मुस्कुराता है जमाने को बताने के लिए,
वो लड़ता है जी जान से पर कभी जीतता नही है,
जमाना उसी नजरो से उसे तौलता है,
जिस नज़रों से ज़माने को अपनी बारी में बुरा लगा था,
सब साथ छोड़ दिए थे उसके,
वो जान नही पता कौन गैर कौन सगा था,
वो लड़ता है ईश्वर से,मंदिर भी जाता है,
सब बुरा के बाद भी ईश्वर से अच्छा की उम्मीद पाता है,
जो बीती वक्त के साथ उसके,
आज वर्तमान उसके कदमों पर प्रश्न कर रहा है,
उसने तब भी सही ही किया था,
जिसका आज वो कीमत भर रहा है,
वो रोता है,हंसता है परिस्थिति से लड़ने को ठानता है
पर वो शक्श हार नहीं मानता है,
क्योंकि वो हर हाल में मुस्कुराना जानता है ।
अगर सफलता अपने पर अभिमान करेगी,
तो उसे भी एक दिन असफलता को चखना होगा,
ये ऐसा पुरस्कार है ईश्वर का,
जिसे उसे नही तो अगली पीढ़ी को रखना होगा ।।
~ देववाणी

©Devraj singh rathore

White बहारों का लहर है उसमे,मै एक फूल का भौरा जैसा, वो स्वयं में संपूर्ण स्त्री,मै पुरुष जैसा तैसा, प्रकृति को हर मौज है उसमे,मै कुछ देर का झरोका हूं, वो एक नदी प्रेम का,मै बांध सा उसको रोका हूं, उसकी चंचलता सड़को सी,मै एक दिशा में चलने वाला, जाने कब किस दिशा में मुड़ जाए,मेरे लिए यह खेल निराला, वो शांत नदी सी बहने वाली, मै कल कल का कोलाहल वाला, वो देवताओं के आराधना वाली, मै नास्तिक तर्क करने वाला, फिर भी वो गुणों में असुर में आती, कुंडली में मै देव बताता सारे गुण विपरीत से होकर, प्रेम का बंधन ही हमे मिलता ।। ~ देववाणी ©Devraj singh rathore

#love_shayari  White बहारों का लहर है उसमे,मै एक फूल का भौरा जैसा,
वो स्वयं में संपूर्ण स्त्री,मै पुरुष जैसा तैसा,
प्रकृति को हर मौज है उसमे,मै कुछ देर का झरोका हूं,
वो एक नदी प्रेम का,मै बांध सा उसको रोका हूं,
उसकी चंचलता सड़को सी,मै एक दिशा में चलने वाला,
जाने कब किस दिशा में मुड़ जाए,मेरे लिए यह खेल निराला,
वो शांत नदी सी बहने वाली,
मै कल कल का कोलाहल वाला,
वो देवताओं के आराधना वाली,
मै नास्तिक तर्क करने वाला,
फिर भी वो गुणों में असुर में आती,
कुंडली में मै देव बताता 
सारे गुण विपरीत से होकर,
प्रेम का बंधन ही हमे मिलता ।।
~ देववाणी

©Devraj singh rathore

White रात बीत जाती है तकिए पर तेरी यादों में, मै उलझा सा रहता हूं ख्वाबों में तेरी बातो में, कभी बिस्तर पर तेरा एक बाल मिल जाता है, उसे सीने से लगता हूं,जाने किन हालातों में, तू ख्वाबों में आकर भी झगड़ा करती है, तुझे मानते अक्सर सुबह हो जाता है, हर रोज चाहता हूं कि बताऊं कितनी मोहब्बत है, पर नींद खुल जाता है ये बताने में, मै उठता हूं सुबह फिर मुस्कुराता हूं, हा प्रेमी हूं तुम्हरा,मै आज भी तुम्हे चहता हूं ।।। ©Devraj singh rathore

#good_night  White रात बीत जाती है तकिए पर तेरी यादों में,
मै उलझा सा रहता हूं ख्वाबों में तेरी बातो में,
कभी बिस्तर पर तेरा एक बाल मिल जाता है,
उसे सीने से लगता हूं,जाने किन हालातों में,
तू ख्वाबों में आकर भी झगड़ा करती है,
तुझे मानते अक्सर सुबह हो जाता है,
हर रोज चाहता हूं कि बताऊं कितनी मोहब्बत है,
पर नींद खुल जाता है ये बताने में,
मै उठता हूं सुबह फिर मुस्कुराता हूं,
हा प्रेमी हूं तुम्हरा,मै आज भी तुम्हे चहता हूं ।।।

©Devraj singh rathore

#good_night

14 Love

White एक समय बीत गया कि उससे हाथ मिलाया मैने, उम्र गुजर गया की साथ वक्त बिताया मैने, तुम क्या जानो उससे इश्क कर के क्या सुकून मिलता है, रातों की नींद खो कर,उसे कितना ज्यादा पाया मैंने, मेरी आखों को कोई और हुस्न पसंद नही आ रहा, डॉक्टर को भी अपना आंख दिखाया मैने, उसकी सूरत दिखती है हर जगह मुझको, वो सिर्फ एक लड़की है,ज़माने का चश्मा हटाया मैने, जिसके आगे हार जाना भी,जीतने से ज्यादा मज़ा देता है, एक ऐसे शक्श को दिल में बसाया मैने, इश्क कोई सौदे बाजी नही,एक तपस्या होता है, नही देखा जाता की क्या खोया और बदले क्या पाया मैंने, जिसके सीने में लिपट के बह जाते है सारे आशू मेरे, समय बीत गया उस महबूब को गले नही लगाया मैने ।। ~देववाणी ©Devraj singh rathore

#love_shayari  White एक समय बीत गया कि उससे हाथ मिलाया मैने,
उम्र गुजर गया की साथ वक्त बिताया मैने,
तुम क्या जानो उससे इश्क कर के क्या सुकून मिलता है,
रातों की नींद खो कर,उसे कितना ज्यादा पाया मैंने,
मेरी आखों को कोई और हुस्न पसंद नही आ रहा,
डॉक्टर को भी अपना आंख दिखाया मैने,
उसकी सूरत दिखती है हर जगह मुझको,
वो सिर्फ एक लड़की है,ज़माने का चश्मा हटाया मैने,
जिसके आगे हार जाना भी,जीतने से ज्यादा मज़ा देता है,
एक ऐसे शक्श को दिल में बसाया मैने,
इश्क कोई सौदे बाजी नही,एक तपस्या होता है,
नही देखा जाता की क्या खोया और बदले क्या पाया मैंने,
जिसके सीने में लिपट के बह जाते है सारे आशू मेरे,
समय बीत गया उस महबूब को गले नही लगाया मैने ।।
~देववाणी

©Devraj singh rathore

जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं, गीत लिखता हूं तुम पर कई, मगर अक्सर अकेले में गाता हूं, काफ़िला चलता है यादों का साथ मेरे, फिर भी अक्सर,खुद को अकेला पाता हूं, तू खूबसूरत है कि नही अब ये मसला नहीं है, क्योंकि मां के बाद तेरे गोद में ही सुकून पाता हूं, बहुत सख्त हूं पर कुछ दाग है मुझमें, तू माथे को चूम लेती है,तो गंगा नहाता हूं, जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं ।। ~देववाणी by DSR ©Devraj singh rathore

 जब जब मैं मंदिर में जाता हूं,
सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं,
गीत लिखता हूं तुम पर कई,
मगर अक्सर अकेले में गाता हूं,
काफ़िला चलता है यादों का साथ मेरे,
फिर भी अक्सर,खुद को अकेला पाता हूं,
तू खूबसूरत है कि नही अब ये मसला नहीं है,
क्योंकि मां के बाद तेरे गोद में ही सुकून पाता हूं,
बहुत सख्त हूं पर कुछ दाग है मुझमें,
तू माथे को चूम लेती है,तो गंगा नहाता हूं,
जब जब मैं मंदिर में जाता हूं,
सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं ।।
~देववाणी by DSR

©Devraj singh rathore

जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं, गीत लिखता हूं तुम पर कई, मगर अक्सर अकेले में गाता हूं, काफ़िला चलता है यादों का साथ मेरे, फिर भी अक्सर,खुद को अकेला पाता हूं, तू खूबसूरत है कि नही अब ये मसला नहीं है, क्योंकि मां के बाद तेरे गोद में ही सुकून पाता हूं, बहुत सख्त हूं पर कुछ दाग है मुझमें, तू माथे को चूम लेती है,तो गंगा नहाता हूं, जब जब मैं मंदिर में जाता हूं, सच कहता हूं तुम्हे मांग लाता हूं ।। ~देववाणी by DSR ©Devraj singh rathore

10 Love

White तुम मिल गई तो जैसे आराम मिला है, कवि को कविता में पूर्ण विराम मिला है, तुम्हारे होने से रौनक है इस जग में मेरे, तुम मिले तो जैसे नश्वर शरीर में प्राण मिला है, ये लोग करते है मेरे प्रेम पर संदेह बहुत, तुम मिले तो प्रेमी को, प्रेम का प्रमाण मिला है, मै तो मरने वाला था इस दुनिया में मानो, सच कहूं, तुम मिले तो मुझे नया जीवन दान मिला है, तुम केवल एक स्त्री नही हो मेरे जीवन में, तुम्हे मानता हूं ऐसे जैसे,ईश्वर का वरदान मिला है, तुम मिल गई तो जैसे आराम मिला है, कवि को कविता में पूर्ण विराम मिला है । ©Devraj singh rathore

#Tulips  White तुम मिल गई तो जैसे आराम मिला है,
कवि को कविता में पूर्ण विराम मिला है,
तुम्हारे होने से रौनक है इस जग में मेरे,
तुम मिले तो जैसे नश्वर शरीर में प्राण मिला है,
ये लोग करते है मेरे प्रेम पर संदेह बहुत,
तुम मिले तो प्रेमी को, प्रेम का प्रमाण मिला है,
मै तो मरने वाला था इस दुनिया में मानो,
सच कहूं, तुम मिले तो मुझे नया जीवन दान मिला है,
तुम केवल एक स्त्री नही हो मेरे जीवन में,
तुम्हे मानता हूं ऐसे जैसे,ईश्वर का वरदान मिला है,
तुम मिल गई तो जैसे आराम मिला है,
कवि को कविता में पूर्ण विराम मिला है ।

©Devraj singh rathore

#Tulips

9 Love

Trending Topic