White कभी मिला मान कहा नारी को,
ये भारत पर कलंक रहा है,
मां सीता का हरण यही से,
तो कभी चीरहरण का कलंक रहा है,
आखिर कब तक स्त्री को केवल भोग समझा जाए,
क्या इतना ही सम्मान यहां की,
बस 9 दिन तक ही पूजा जाए,
मां काली कलकत्ता वाली,
तेरी मिट्टी पर अन्याय हुआ है,
तुझको संहार को आना होगा,
जूठी सत्ता कहती है न्याय हुआ है,
रक्षा नही हो सका,पर उस बहाना को न्याय दे दो,
इस राखी पर हे मां काली उन सब का संहार दे देदो ।
हम चिर पर कृष्ण न बन पर,तुम मां काली आ जाओ,
लाखो की पुकार है माता,अब देर न लगाओ,
अन्याय हो रहा नारी पर, जब सत्ता पर बैठी नारी है,
कल हुआ एक बहन के साथ,
आज फिर किसी की बारी है,
न्याय नहीं नाश चाहिए,
दोषियों का सर्वनाश चाहिए ।।।
~ देववाणी
©Devraj singh rathore
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