#Pehlealfaaz یہ جو لوگ ہیں اتنے، حیران کیوں ہے،
ذرہ ناکام تو ہوئے، پریشان کیو ہے
ये जो लोग है इतने हैरान क्यों है,
ज़रा नाकाम तो हुए,परेशान क्यों है।
چہرے اُداس اور لب اتنے خاموش کیوں ہے،
ملیگی کامیابی بھی، حتاش کیوں ہے
चेहरे उदास और लब इतने खामोश क्यों है,
मिलेगी कामयाबी भी, हताश क्यों है।
یہ سفر، سفر اے آخر تو نہیں تھا
منزل دور تو نہیں، نراش کیوں ہے
ये सफर ,सफर ए आख़िर तो नही था,
मंज़िल दूर तो नही, निराश क्यों है
ناکام یابی کیا ہیں، محض ایک امتحان ہی تو ہے،
پھر کامیابی کے شور سے اتنے انجان کیوں ہے
नाकामयाबी क्या है,महज़ एक इम्तिहान ही तो है,
फिर कामयाबी के शोर से इतने अनजान क्यों है।
یہ جو لوگ ہیں اتنے، حیران کیوں ہے،
ذرہ ناکام تو ہوئے، پریشان کیو ہے
ये जो लोग है इतने हैरान क्यों है,
ज़रा नाकाम तो हुए,परेशान क्यों है।
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