Saeed Anwar

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सामने उस के कभी उस की सताइश नहीं की दिल ने चाहा भी अगर होंटों ने जुम्बिश नहीं की अहल-ए-महफ़िल पे कब अहवाल खुला है अपना मैं भी ख़ामोश रहा उस ने भी पुर्सिश नहीं की जिस क़दर उस से त'अल्लुक़ था चला जाता है उस का क्या रंज हो जिस की कभी ख़्वाहिश नहीं की ये भी क्या कम है कि दोनों का भरम क़ाएम है उस ने बख़्शिश नहीं की हम ने गुज़ारिश नहीं की इक तो हम को अदब आदाब ने प्यासा रक्खा उस पे महफ़िल में सुराही ने भी गर्दिश नहीं की हम कि दुख ओढ़ के ख़ल्वत में पड़े रहते हैं हम ने बाज़ार में ज़ख़्मों की नुमाइश नहीं की ऐ मिरे अब्र-ए-करम देख ये वीराना-ए-जाँ क्या किसी दश्त पे तू ने कभी बारिश नहीं की कट मरे अपने क़बीले की हिफ़ाज़त के लिए मक़्तल-ए-शहर में ठहरे रहे जुम्बिश नहीं की वो हमें भूल गया हो तो अजब क्या है 'फ़राज़' हम ने भी मेल-मुलाक़ात की कोशिश नहीं की ©Saeed Anwar

#leafbook #SAD  सामने उस के कभी उस की सताइश नहीं की
दिल ने चाहा भी अगर होंटों ने जुम्बिश नहीं की

अहल-ए-महफ़िल पे कब अहवाल खुला है अपना
मैं भी ख़ामोश रहा उस ने भी पुर्सिश नहीं की

जिस क़दर उस से त'अल्लुक़ था चला जाता है
उस का क्या रंज हो जिस की कभी ख़्वाहिश नहीं की

ये भी क्या कम है कि दोनों का भरम क़ाएम है
उस ने बख़्शिश नहीं की हम ने गुज़ारिश नहीं की

इक तो हम को अदब आदाब ने प्यासा रक्खा
उस पे महफ़िल में सुराही ने भी गर्दिश नहीं की

हम कि दुख ओढ़ के ख़ल्वत में पड़े रहते हैं
हम ने बाज़ार में ज़ख़्मों की नुमाइश नहीं की

ऐ मिरे अब्र-ए-करम देख ये वीराना-ए-जाँ
क्या किसी दश्त पे तू ने कभी बारिश नहीं की

कट मरे अपने क़बीले की हिफ़ाज़त के लिए
मक़्तल-ए-शहर में ठहरे रहे जुम्बिश नहीं की

वो हमें भूल गया हो तो अजब क्या है 'फ़राज़'
हम ने भी मेल-मुलाक़ात की कोशिश नहीं की

©Saeed Anwar

#leafbook

12 Love

ये  महलों, ये तख्तों, ये ताजों की दुनिया, ये इंसान के दुश्मन समाजों की दुनिया, ये दौलत के भूखे रवाजों की दुनिया, ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है . हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है . यहाँ इक खिलौना है इसां की हस्ती ये बस्ती हैं मुर्दा परस्तों  की बस्ती यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है . जवानी भटकती हैं बदकार बन कर जवान जिस्म सजते है बाज़ार बन कर यहाँ प्यार होता है व्योपार  बन कर ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है . ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नहीं है वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है  जहाँ प्यार की कद्र कुछ नहीं है   ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है . जला दो इसे फूक डालो ये दुनिया जला दो, जला दो, जला दो जला दो इसे फूक डालो ये दुनिया मेरे सामने से हटा लो ये दुनिया तुम्हारी है तुम ही संभालो ये दुनिया ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है . ©Saeed Anwar

#leafbook  ये  महलों, ये तख्तों, ये ताजों की दुनिया,
ये इंसान के दुश्मन समाजों की दुनिया,
ये दौलत के भूखे रवाजों की दुनिया,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है .


हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी
निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है .


यहाँ इक खिलौना है इसां की हस्ती
ये बस्ती हैं मुर्दा परस्तों  की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है .

जवानी भटकती हैं बदकार बन कर
जवान जिस्म सजते है बाज़ार बन कर
यहाँ प्यार होता है व्योपार  बन कर
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है .

ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नहीं है
वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है 
जहाँ प्यार की कद्र कुछ नहीं है  
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है .

जला दो इसे फूक डालो ये दुनिया
जला दो, जला दो, जला दो
जला दो इसे फूक डालो ये दुनिया
मेरे सामने से हटा लो ये दुनिया
तुम्हारी है तुम ही संभालो ये दुनिया

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है .

©Saeed Anwar

#leafbook

17 Love

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आइने में देर तक चेहरा नहीं रहता बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता !! ©Saeed Anwar

#traveling #SAD  परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आइने में देर तक चेहरा नहीं रहता

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता

हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में
अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता

मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता !!

©Saeed Anwar

#traveling

13 Love

Tum Bin Jiya Jaaye Kaise Kaise Jiya Jaaye Tum Bin Sadiyon Se Lambi Hain Raatein Sadiyon Se Lambe Hue Din Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai... Phir Shaam-E-Tanhaai Jaagi Phir Yaad Tum Aa Rahe Ho Phir Jaan Nikalne Lagi Hai Phir Mujhko Tadpaa Rahe Ho Is Dil Mein Yaadon Ke Mele Hain Tum Bin Bahut Hum Akele Hain Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai.. Kya Kya Na Socha Tha Maine Kya Kya Na Sapne Sajaaye Kya Kya Na Chaaha Tha Dil Ne Kya Kya Na Armaan Jagaaye Is Dil Se Toofaan Guzarte Hai Tum Bin To Jeete Na Marte Hai Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai... Tum Bin Jiya Jaaye Kaise Kaise Jiya Jaaye Tum Bin Sadiyon Se Lambi Hain Raatein Sadiyon Se Lambe Hue Din Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai... ❤️ ©Saeed Anwar

#sad_quotes #SAD  Tum Bin Jiya Jaaye Kaise
Kaise Jiya Jaaye Tum Bin
Sadiyon Se Lambi Hain Raatein
Sadiyon Se Lambe Hue Din
Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai...

Phir Shaam-E-Tanhaai Jaagi
Phir Yaad Tum Aa Rahe Ho
Phir Jaan Nikalne Lagi Hai
Phir Mujhko Tadpaa Rahe Ho

Is Dil Mein Yaadon Ke Mele Hain
Tum Bin Bahut Hum Akele Hain
Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai..

Kya Kya Na Socha Tha Maine
Kya Kya Na Sapne Sajaaye
Kya Kya Na Chaaha Tha Dil Ne
Kya Kya Na Armaan Jagaaye


Is Dil Se Toofaan Guzarte Hai
Tum Bin To Jeete Na Marte Hai
Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai...

Tum Bin Jiya Jaaye Kaise
Kaise Jiya Jaaye Tum Bin
Sadiyon Se Lambi Hain Raatein
Sadiyon Se Lambe Hue Din

Aa Jaao Lautkar Tum, Yeh Dil Keh Raha Hai... ❤️

©Saeed Anwar

#sad_quotes

12 Love

White मुझ से पहली सी मोहब्बत मेरे महबूब न माँग मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा क्या है तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात !! तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए !! यूँ न था मैं ने फ़क़त चाहा था यूँ हो जाए और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा.. !!! ©Saeed Anwar

#good_night #SAD  White मुझ से पहली सी मोहब्बत मेरे महबूब न माँग
मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा क्या है
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात !!
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए !!
यूँ न था मैं ने फ़क़त चाहा था यूँ हो जाए
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा.. !!!

©Saeed Anwar

#good_night

11 Love

White अभी इक शोर सा उठा है कहीं कोई ख़ामोश हो गया है कहीं है कुछ ऐसा कि जैसे ये सब कुछ इस से पहले भी हो चुका है कहीं तू मुझे ढूँड मैं तुझे ढूँडूँ कोई हम में से रह गया है कहीं इसी कमरे से कोई हो के विदाअ' इसी कमरे में छुप गया है कहीं मिल के हर शख़्स से हुआ महसूस मुझ से ये शख़्स मिल चुका है कहीं ©Saeed Anwar

#Sad_shayri #SAD  White अभी इक शोर सा उठा है कहीं
कोई ख़ामोश हो गया है कहीं

है कुछ ऐसा कि जैसे ये सब कुछ
इस से पहले भी हो चुका है कहीं

तू मुझे ढूँड  मैं तुझे ढूँडूँ
कोई हम में से रह गया है कहीं

इसी कमरे से कोई हो के विदाअ'
इसी कमरे में छुप गया है कहीं

मिल के हर शख़्स से हुआ महसूस
मुझ से ये शख़्स मिल चुका है कहीं

©Saeed Anwar

#Sad_shayri sad status in hindi

15 Love

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