Kavi Kumar Ashok

Kavi Kumar Ashok Lives in Indore, Madhya Pradesh, India

official account of #KaviKumarAshok. /The writer, poet.✒️Author of पानी पर तैरता चाँद/ Honoured with "Vishwas Trophy" in 2005🏆/ For #shows #events #KaviSammelan #TalkShow #Debates call @ 8770148933 WhatsApp@ 8269692937

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White इन वादियों की खामोशियाँ पूछती हैं मुझसे तुम्हारी बातें तुम्हारी यादें और तुम्हारे किस्से... वो सड़कें वो पेड़ और उन पेड़ों की छाँव हर किसी को इंतज़ार है तुम्हारे आने का... ©Kavi Kumar Ashok

#kavikumarashok #Thinking #SAD  White  इन वादियों की खामोशियाँ
पूछती हैं मुझसे 
तुम्हारी बातें 
तुम्हारी यादें
और तुम्हारे किस्से...
वो सड़कें 
वो पेड़ 
और उन पेड़ों की छाँव
हर किसी को इंतज़ार है 
तुम्हारे आने का...

©Kavi Kumar Ashok

White लौटते पखेरू नीड़ों की ओर, बबूल के पेड़ों पर चिड़ियों का शोर ! आँगन में अम्मा दीया जराती है सांझ ढल जाती है..! ©Kavi Kumar Ashok

#kavikumarashok #good_night  White लौटते पखेरू
 नीड़ों की ओर,
बबूल के पेड़ों पर 
चिड़ियों का शोर !
आँगन में अम्मा 
दीया जराती है
सांझ ढल जाती है..!

©Kavi Kumar Ashok

White लंबी सड़कों से कहीं अधिक पीड़ादायक होती हैं लंबी उम्मीदें.. क्योंकि सड़कों पर होते है छायादार पेड़ और पड़ाव लेकिन उम्मीदों पर नही होते छायादार पेड़ और नही होता कोई पड़ाव राही चलता रहता है निरंतर... बस...उम्मीद में...!! ©Kavi Kumar Ashok

#kavikumarashok #Road #SAD  White लंबी सड़कों से
कहीं अधिक पीड़ादायक 
होती हैं
लंबी उम्मीदें..
क्योंकि सड़कों पर होते है
छायादार पेड़ और पड़ाव
लेकिन उम्मीदों पर 
नही होते छायादार पेड़ 
और नही होता कोई पड़ाव
राही चलता रहता है 
निरंतर... 
बस...उम्मीद में...!!

©Kavi Kumar Ashok

White हाँफते वो धूमकेतु किस डगर में खो गए टिमटिमाते पुंज नभ के अधबुझे से हो गए अब निशा निःशब्द है और मौन हैं सब चर अचर रात काली है मगर ... जुगनुओं को क्या फिकर ,...! ©Kavi Kumar Ashok

#kavikumarashok #good_night  White हाँफते वो धूमकेतु 
किस डगर में खो गए
टिमटिमाते पुंज नभ के
अधबुझे से हो गए
अब निशा निःशब्द है
और मौन हैं सब चर अचर
रात काली है मगर ...
जुगनुओं को क्या फिकर ,...!

©Kavi Kumar Ashok

White निकल पड़ा हूँ उन नज़्मों की तलाश में जो बिखर गए थे टूट कर... तुम्हारी पलकों से ! वो नज़्में जो तैरती रहीं तुम्हारी आँखों में रात भर... ©Kavi Kumar Ashok

#kavikumarashok #sad_qoute  White निकल पड़ा हूँ
उन नज़्मों की तलाश में
जो बिखर गए थे 
टूट कर...
तुम्हारी पलकों से !
वो नज़्में
जो तैरती रहीं
तुम्हारी आँखों में 
रात भर...

©Kavi Kumar Ashok
#HeartfeltMessage #kavikumarashok  KUMAR
ASHOK
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