Ritu Raj

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सीखाया आयेगी रौशनी भी - अभी जो काली रात है | थी किस्मत खिलाफ फिर भी वो हालात को मात देकर हमारे साथ है | With her journey with her presence who teaches loads of things without saying much anythings. " ऐसे गुरु को प्रणाम 🙏 " -Ritu Raj ©Ritu Raj

#विचार  सीखाया 
आयेगी रौशनी भी - अभी जो काली रात है |

थी किस्मत खिलाफ फिर भी  वो 
हालात को मात देकर हमारे साथ है |

With her journey 
with her presence
 who teaches loads of things

 without saying much anythings.

    " ऐसे गुरु को प्रणाम 🙏 " 



-Ritu Raj

©Ritu Raj

सीखाया आयेगी रौशनी भी - अभी जो काली रात है | थी किस्मत खिलाफ फिर भी वो हालात को मात देकर हमारे साथ है | With her journey with her presence who teaches loads of things without saying much anythings. " ऐसे गुरु को प्रणाम 🙏 " -Ritu Raj ©Ritu Raj

13 Love

White " बेटी थी वो " सौ सपने और - आंखों में ख्वाब लिए बैठी थी वो " बेटी थी वो " ना कोई तर्क जिनका उन बातों को सेहती थी वो " बेटी थी वो " ये ज़ालिम समाज बेहरे भी और आंख के होते अंधे हैं , खुद का ईमान भी बेच केहते अपने तो धंधे हैं | पर उन धंधों में बर्कत भी जो देती थी जो , " बेटी थी वो " डर है, पाबंदियों के डर से पैड़ों में - बेड़िया ना कोई पड़ जाये, कब कहाॅं इंसान जैसा - पिछे भेड़िया ना कोई पड़ जाये | ऑंखों में अश्क लिये - लौटी घर को पर इक लफ़्ज़ भी ना केहती थी वो " बेटी थी वो " " फिर आई रात कयामत इक दिन " जीन ख़्वाब भरे ऑंखों को देख - सूबह बाप को था- सूकून मिला, हुई रात काली उन ऑंखों से - बाप को बेहता खून मीला | राम-राम केहने वालों - सीता खून से लथपत - लेटी थी वो " बेटी थी वो " 💔 -Ritu Raj। ©Ritu Raj

#शायरी #Kolkata  White                                              " बेटी थी वो " 

                          सौ सपने और - आंखों में ख्वाब लिए बैठी थी वो
                                               " बेटी थी वो "

                           ना कोई तर्क जिनका उन बातों को सेहती थी वो
                                              " बेटी थी वो "

                                           
 ये ज़ालिम समाज बेहरे भी और आंख के होते अंधे हैं ,
 खुद का ईमान भी बेच केहते अपने तो धंधे हैं |
    पर उन धंधों में बर्कत भी जो देती थी जो ,
                   " बेटी थी वो "

                 
                 डर है, पाबंदियों के डर से पैड़ों में - बेड़िया ना कोई पड़ जाये,
                       कब कहाॅं इंसान जैसा - पिछे भेड़िया ना कोई पड़ जाये |
                                             ऑंखों में अश्क लिये - लौटी घर को पर
                                               इक लफ़्ज़ भी ना केहती थी वो
                                                          " बेटी थी वो "

            " फिर आई रात कयामत इक दिन "

जीन ख़्वाब भरे ऑंखों को देख - सूबह बाप को था- सूकून मिला,
 हुई रात काली  उन ऑंखों से - बाप को बेहता खून मीला |
 राम-राम केहने वालों - सीता खून से लथपत - लेटी थी वो

                   " बेटी थी वो "      💔
  -Ritu Raj।

©Ritu Raj

#Kolkata

9 Love

Black Friday फरीयाद़ खुदा़ की हो जैसे - दिखती है मुझे आशिकी तेरी, सबर ना पुछो हाल-ए-दिल की मेरे - दे ख़बर तू मुझे आज की तेरी | वो जो मंदिर में थी - दूपट्टे में तू , लाल बिंदी में दिखी मुझे रस्ते में तू | सावन में नाचती जैसे कोई मोर - इस दिल को नचाए सादगी तेरी || - Ritu Raj ©Ritu Raj

#शायरी #BlackDay  Black Friday फरीयाद़ खुदा़ की हो जैसे - दिखती है मुझे आशिकी तेरी,
सबर ना पुछो हाल-ए-दिल  की मेरे - दे ख़बर तू मुझे आज की तेरी |

वो जो मंदिर में थी - दूपट्टे में तू ,
लाल बिंदी में दिखी मुझे रस्ते में तू |

सावन में नाचती जैसे कोई मोर - इस दिल को नचाए सादगी तेरी ||

         - Ritu Raj

©Ritu Raj

#BlackDay

10 Love

Black Friday फरीयाद़ खुदा़ की हो जैसे - दिखती है मुझे आशिकी तेरी, सबर ना पुछो हाल-ए-दिल की मेरे - दे ख़बर तू मुझे आज की तेरी | वो जो मंदिर में थी - दूपट्टे में तू , लाल बिंदी में दिखी मुझे रस्ते में तू | सावन में नाचती जैसे कोई मोर - इस दिल को नचाए सादगी तेरी || - Ritu Raj ©Ritu Raj

#शायरी #BlackDay  Black Friday फरीयाद़ खुदा़ की हो जैसे - दिखती है मुझे आशिकी तेरी,
सबर ना पुछो हाल-ए-दिल  की मेरे - दे ख़बर तू मुझे आज की तेरी |

वो जो मंदिर में थी - दूपट्टे में तू ,
लाल बिंदी में दिखी मुझे रस्ते में तू |

सावन में नाचती जैसे कोई मोर - इस दिल को नचाए सादगी तेरी ||

         - Ritu Raj

©Ritu Raj

#BlackDay

15 Love

#शायरी  बैठा हुॅं लगाए आश - अपनी तू खबर दे दे ,
चूनर की - छाॅंव में अपनी तू - थोड़ी जगह दे दे |

लगी है धुॅंध ऑंखों में दिन भी अब - रात लगती है ,
मेरी साॅंसें तू छिन ले या फिर - जीने की वजह दे दे || 

- Ritu Raj

©Ritu Raj

Wajah se de

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प्यासा मैं कब से बुझा दे मेरी प्यास अब - सूखी जमीं मैं आजा - बन जा मेरी बादल तू | रुका हुआ सा नदी ऐसे रुका आज मैं- मीला ले खुद में मुझे - बन जा सागर तू | है ना जिश़्म कि फिक्र - ना रुह़ की खबर है - ना दुआओं में कसर - ना ताबिज का असर है | इन हालातों से नीकाल लगा दे - अपनी ऑंखों की काज़ल तू | जैसे मेरी - काजल तू || -Ritu Raj ©Ritu Raj

#शायरी #Holi  प्यासा मैं कब से बुझा दे मेरी प्यास अब - सूखी जमीं मैं आजा - बन जा मेरी बादल तू |

रुका हुआ सा नदी ऐसे रुका आज मैं- मीला ले खुद में मुझे - बन जा  सागर तू |

है ना जिश़्म कि फिक्र - ना रुह़ की खबर है - ना दुआओं में कसर - ना ताबिज का असर है |

इन हालातों से नीकाल लगा दे - अपनी ऑंखों की  काज़ल तू |

         जैसे मेरी -  काजल तू ||


          -Ritu Raj

©Ritu Raj

#Holi

14 Love

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