🇮🇳🇮🇳दिल में यादे का तूफान समेटे आंखों में आँसुओ का समंदर और कपकपाते हाथ एक परिवार घर से अपने लाडले को बिदा करती है क्यू की वह जानता है माँ भारत का वो सच्चा सपूत अपनी माँ से किया वादा तोड़ सकता है लेकिन मात्रभूमि से किया वादे को नहीं 🇮🇳🇮🇳
meehia upadhyay
जिसने मेरे जन्म पे मुझे ही लिख डाला क्या ही लिखू उस भगवान के लिए गिरा हारा में जब भी उसके वीस्वास ने ही मुझे संभाला छोड़ देती जब सारि उम्मीदे और जाती उसके आंचल में छुपने तब तब उसने ही मुझे समझाया माँ मेरी तेरे सां न योद्धा इस जग में न कोई
meehika upadhyay
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