"जिसने मेरे जन्म पे मुझे ही लिख डाला क्या ही लिखू उस भगवान के लिए गिरा हारा में जब भी उसके वीस्वास ने ही मुझे संभाला छोड़ देती जब सारि उम्मीदे और जाती उसके आंचल में छुपने तब तब उसने ही मुझे समझाया माँ मेरी तेरे सां न योद्धा इस जग में न कोई
meehika upadhyay"