महज़

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Instagram ID: mahaz.31 "महज़ एक इत्तफाक न था तुमसे मिलना। सायद पिछले जन्म का कर्ज होगा, जो तुम्हें लौटाना।"

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#Sad_Status #Quotes  White बड़े मज़े से कट रही ज़िंदगी, सब मिला हुआ है।
दर्द है साथ में दवा है, गुनाह है साथ में दूआ है।

©महज़

#Sad_Status

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#Thinking  White बार बार मुझको याद सताती है।
जवानी में बचपन याद आती है।

खेल का शौक आज भी है बहुत।
पर अब ज़िम्मेदारी खेल जाती है।

बचपन की वो मस्ती लुभाती है!
मगर अब तो फुर्सत भी डराती है।  

थी धूप में हंसने की आदत कभी!
अब छांव भी आंखें जलाती है।  

सपनों के पीछे थे भागा किए!
अब तो हकीकत ही दौड़ाती है।  

वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश!
यादों की बारिश भिगो जाती है।

©महज़

#Thinking

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#Thinking #Quotes  White हम ये जानते हुए, बूरा काम कर रहें हैं।
हमें भी कोई देख रहा है, पर कर रहें हैं।

ये ज़िद है, लाचारी है, या है ये मजबूरी!
पर हर बार आईने में चेहरा सवार रहें हैं।

©महज़

#Thinking

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#Thinking  White वो मुहब्बत का मुसाफ़िर है, वो पहचान दिखाता जाए।
वो जिस रास्ते को जाए, वहीं मुहब्बत बिखेरता जाए।

©महज़

#Thinking

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White हम किनारे थमे पत्थर की तरह! हमने नदी के कई नखरें देखें हैं। ©महज़

#Thinking  White हम किनारे थमे पत्थर की तरह!
हमने नदी के कई नखरें देखें हैं।

©महज़

#Thinking

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White दिल ने, दिल को, दिल से कहा! तू मेरा साथी, तू ही मेरा हमराह। तू पास हो तो सफर भी सुहाना! वरना ये रस्ता, ये धूल, ये आह। चाँद सा चेहरा, चांदनी सी चमक! दीद को तड़पे, मेरी बेबस निगाह। हर पल मुझे तेरी आहट मिली! हर गली, हर मोड़, हर एक राह। दिल ने, दिल को, दिल से कहा! तू मेरा हमराह, तू मेरा गुमराह। ©महज़

#Thinking  White दिल ने, दिल को, दिल से कहा!
तू मेरा साथी, तू ही मेरा हमराह।

तू पास हो तो सफर भी सुहाना!
वरना ये रस्ता, ये धूल, ये आह।

चाँद सा चेहरा, चांदनी सी चमक!
दीद को तड़पे, मेरी बेबस निगाह।

हर पल मुझे तेरी आहट मिली!
हर गली, हर मोड़, हर एक राह।

दिल ने, दिल को, दिल से कहा!
तू मेरा हमराह, तू मेरा गुमराह।

©महज़

#Thinking

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