महज़

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Instagram ID: mahaz.31 "महज़ एक इत्तफाक न था तुमसे मिलना। सायद पिछले जन्म का कर्ज होगा, जो तुम्हें लौटाना।"

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White जहां में ग़म का कोई खरीदार नहीं। खुशीयों का यहां कोई बाज़ार नहीं। हर कोई यहां जन्नत की तालाश में! मगर मरने को यहां कोई तैयार नहीं। बहुत छोटा सा सफर है जिंदगी का! यहां हमेशा के लिए कोई यार नहीं। बस अपना दर्द लगला है सबसे बड़ा! दूसरों के दर्द से कोई सरोकार नहीं। शिकवे हैं ज़िंदगी से अपने अपने, पर! हालात से लड़ने का इख़्तियार नहीं। ©महज़

#GoodMorning  White जहां में ग़म का कोई खरीदार नहीं।
खुशीयों का यहां कोई बाज़ार नहीं।

हर कोई यहां जन्नत की तालाश में!
मगर मरने को यहां कोई तैयार नहीं।

बहुत छोटा सा सफर है जिंदगी का!
यहां हमेशा के लिए कोई यार नहीं।

बस अपना दर्द लगला है सबसे बड़ा!
दूसरों के दर्द से कोई सरोकार नहीं।

शिकवे हैं ज़िंदगी से अपने अपने, पर!
हालात से लड़ने का इख़्तियार नहीं।

©महज़

#GoodMorning

18 Love

White मैं और मेरी आवारगी, जैसे कोई कहानी हो। हर इक सफ़र पर मेरा, इक नई निशानी हो। कभी तारों में खो गया, कभी चांद से बातें कीं! कभी दिल ने चाहा मुझे, तो कभी अनजानी हो। वफ़ा से जब दूर चला, रूठे दिल को समझा कर! मगर हर मोड़ पे यादों की, कहानी ही कहानी हो। हवाओं में बहकाता हूँ, जैसे खुश्बू का झोंका हूँ! कभी बादल, कभी बारिश, जैसे आंखों का पानी हो। कभी मंज़िल नज़र आई, कभी रास्ता भटक गया! मैं और मेरी आवारगी, जैसे किस्मत की निशानी हो। ©महज़

#sad_quotes  White मैं और मेरी आवारगी, जैसे कोई कहानी हो।
हर इक सफ़र पर मेरा, इक नई निशानी हो।

कभी तारों में खो गया, कभी चांद से बातें कीं!
कभी दिल ने चाहा मुझे, तो कभी अनजानी हो।

वफ़ा से जब दूर चला, रूठे दिल को समझा कर!
मगर हर मोड़ पे यादों की, कहानी ही कहानी हो।

हवाओं में बहकाता हूँ, जैसे खुश्बू का झोंका हूँ!
कभी बादल, कभी बारिश, जैसे आंखों का पानी हो।

कभी मंज़िल नज़र आई, कभी रास्ता भटक गया!
मैं और मेरी आवारगी, जैसे किस्मत की निशानी हो।

©महज़

#sad_quotes

15 Love

#sad_quotes  White सच को झूठ से दबाने का क्या फायदा।
झूठ का शहरा सजाने का क्या फायदा।

रहे सफ़र मे हमसफ़र का साथ तो मज़ा!
वरना तन्हा मंज़िल पाने का क्या फायदा।

हौसला चाहिए लुटाने को दौलत अपनी!
न करे दान, तो कमाने का क्या फायदा।

देखें है ख़्वाब बड़े, उड़ान भी ऊंचा भरे!
गर कटे पर तो डर जाने का क्या फायदा।

जिंदगी है सफ़र, मंज़िलों का नाम नहीं!
तो राहों से नज़रें चुराने का क्या फायदा।

इश्क़ हो या हयात, सच के साथ चलो!
दिखावे में फंस जाने का क्या फायदा।

दिल में हो प्यार तो हर ग़म लगती हसीं!
ख़ुशी को यूँ ही छुपाने का क्या फायदा।

©महज़

#sad_quotes

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#sad_quotes  White उसने कहा जुदा होने का मंज़र आ गया है।
तबसे मेरी आंखों में बस समंदर आ गया है।

इश्क़ की राहों में इश्क़ की वो बहारें खो गईं!
अब हर लम्हा मेरे दिल पे पत्थर आ गया है।

जिनके इंतज़ार में थे बरसों से खड़े रात दिन!
अब कह रहा सफ़र मे कोई और आ गया है।

मोहब्बत की बातें अब किताबों में ही रह गईं!
हक़ीक़त में बस ज़ख़्मों का असर आ गया है।

हमने ख़्वाब सजाए थे जिन आँखों में कभी!
अब उनमें भी वीरानियों का असर आ गया है।

वो खुबसूरत बस्ती अब वीरान सी लगती है!
दिल मे अब एक अजीब सा बंजर आ गया है।

तन्हाई में अक्सर उसकी यादें घिर आती हैं!
अब तो हर लम्हे में एक ज़ख्म गहर आ गया है।

रात भर तलाश करता हूँ मैं सुकून की बारिश!
लेकिन अब तो हर तरफ बस अंधेर आ गया है।

©महज़

#sad_quotes sad urdu poetry

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#Sad_Status  White अभी तनक़ीद कर रहें हैं जो लोग, मेरी दीवानगी का।
एक दीन फक्र करेंगे सभी वो लोग, मेरी दीवानगी का।

©महज़

#Sad_Status

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#Sad_shayri #Quotes  White ख्वाबों की उड़ान भर लो तुम, क्यूंकि आसमान तुम्हारा है।
कल तुम आसमां से मिलोगे, वो कहेगा ये जहां तुम्हारा है।

©महज़

#Sad_shayri

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