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यहाँ लोग अपनों को जख्म दे देते है और मैं गेरो के लिए मरहम लिए फिरता हूँ प्रमोद बागड़ी बहबलपुर हिसार
खिलाडी तो हम भी बहुत तेज थे सतरंज के जनाब पर अपनों के सामने हार जाना जरूरी समजा Parmod Bagri ©parmod bagri
parmod bagri
12 Love
White मैं जिसे अपना समझ कर सब कुछ बताता रहा कम्बख्त सतरंज का खिलाडी वो अपना राज छुपाता रहा Parmod bagri ©parmod bagri
Red sands and spectacular sandstone rock formations आस करते रहे की कोई सहारा होगा हम उसके वो हमारा होगा वक़्त निकल गया आज और कल मैं इतने मैं वो हमसे किनारा हो गया Parmod Bagri ©parmod bagri
10 Love
White समुन्दर मैं फसे को किनारा ना मिला जो बिछड़ा था मुझसे वो दोबारा ना मिला आस लगा कर बैठे रहे रात भर हम पर बुरे वक़्त मैं कोई सहारा ना मिला Parmod bagri ©parmod bagri
13 Love
White कभी रेत के ढेर पर सकून से खेलते थे हम आज मखमली रजाईयों मैं भी नींद नहीं आती Parmod bagri ©parmod bagri
32डिग्री 9भाषा और पुरे विषव के ज्ञाता ने कलम उठाई थी और एक डिग्री करके कमी काढ़न आलो इतना आसान थोड़ी था 2साल 11महीने 18दिन दिन रात कलम चलाई थी Parmod Bagri ©parmod bagri
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