भीगे भीगे इस मौसम में
भीगा सा इक बादल देखा है
मैं भीग रही थी बारिश में
उसने देखा मेरी आंख का आंसू
उसने मेरा काजल देखा है
इक हरारत सी है इश्क़ में उसके
उसको मेरे लिए पागल देखा है।
भीगा सा इक बादल देखा है....
@शायरी रूह से...
इत्तेफाक से मिला एक शख़्स
इत्तेफ़ाकन याद आने लगा है
जब से देखी है नमी आंखों में मेरी
बेवजह मुझे हंसाने लगा है
ढूंढ़ ही लेता है बात करने की कोई वजह
वो बनाने बहाने पे बहाने लगा है
@शायरी रूह से....
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