White किस घुमान में जीता हैँ तू,
के पास तेरे अपना कुछ भी नहीं,
नंगा आया था तू इस दुनियाँ में,
कुछ कागज़ के टुकड़े बटोर लिए,
कुछ नफ़रत का सामान बना,
बनाये ना जाने कितने दुश्मन,
अपनों से हमेशा खुद को जुदा रखा,
बनाया तो सिर्फ खाक़ के महल,
तू किसी को कोई खुशियाँ दे सका,
ना किसी का तू मददगार रहा,
ना किसी का तू वफ़ादार रहा,
जिन अपनों से खुद को दूर रखा,
उन्होंने ही तुम्हें आखरी गुश्ल दिया,
उन अपनों ने तुम्हें तैयार किया,
उन्ही अपने ने तुम्हें तुम्हारे आखरी,
मंज़िल तक पहुँचाया,
वो सब छोड़ गए यही तुम,
जिसे पाने के लिए सब कुछ छोड़ दिए!
Written By-ABi Aman.
©Poetry-Meri Diary Se
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