White अकेला हूं मैं...
इस भीड़ में भी अकेला तन्हा हूं मैं,
मालूम नहीं मगर क्यों अपनों की महफिल अब अच्छी नहीं लगती!
चेहरे तो सभी अपने हैँ और मुस्कुराता हुआ,
मगर उन चेहरे के पीछे कोई अनजान छुपा हैँ!
जब तक जेबे भड़ी थी तब तक,
अपनों का डेरा खूब लगा हुआ था!
आज जेब जिस तरह से गायब हुई,
मालूम नहीं सब कहां ख़ो गए!
Written By-ABi Aman.
©Poetry-Meri Diary Se
#good_night अकेला हूं मैं@#