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सबके अना का बहुत ख़याल रखती हूं अपने ज़ख़्मी अना के हिसाब रखती हूं ये जिंदगी अज़ाबों मे भी उज़ली ही रही ज़हन से दूर तीरगी के किताब रखती हूं

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White दरिया-ए-ग़म की घाट पर  रूह को इस कदर पखारा है  नहीं लगता कोई बेगाना  और ना ही कोई हमारा है  एक पल भी लगे मुश्किल  तुम्हारे बिन जिसको आज भी  बताओ बिन तुम्हारे ही  उस दिल का कैसे गुजारा है कोशिश का कतरा कतरा   काम आता रहा हर बार  सब्र की ठंडी छांव ने  थकी उम्मीदों को संवारा है । बीना राय  गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena

#कविता #sad_shayari  White दरिया-ए-ग़म की घाट पर 

रूह को इस कदर पखारा है 

नहीं लगता कोई बेगाना 

और ना ही कोई हमारा है 

एक पल भी लगे मुश्किल 

तुम्हारे बिन जिसको आज भी 

बताओ बिन तुम्हारे ही 

उस दिल का कैसे गुजारा है

कोशिश का कतरा कतरा  

काम आता रहा हर बार 

सब्र की ठंडी छांव ने 

थकी उम्मीदों को संवारा है ।


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena

#sad_shayari

13 Love

White *हर मूरीद मुझसे रूसवा है* मुझको शायद सिर्फ तुम्हारी आंखों ने ही चाहा था  मगर तुमपर मिरी जीस्त का हर मंज़र था फिदा हुआ  अब ये जिंदगी भाती नहीं क़जा भी तो आती नहीं  लगता है  *बीना* पर जहां का ज़र्रा ज़र्रा  हंसता है  आजकल जाने क्यों मेरा हर मुरीद मुझसे रूसवा है । (स्वलिखित कविता से) बीना राय  गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena

#कविता #Sad_Status  White 

*हर मूरीद मुझसे रूसवा है*




मुझको शायद सिर्फ तुम्हारी आंखों ने ही चाहा था 

मगर तुमपर मिरी जीस्त का हर मंज़र था फिदा हुआ 

अब ये जिंदगी भाती नहीं क़जा भी तो आती नहीं 

लगता है  *बीना* पर जहां का ज़र्रा ज़र्रा  हंसता है 

आजकल जाने क्यों मेरा हर मुरीद मुझसे रूसवा है ।


(स्वलिखित कविता से)


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena

#Sad_Status

18 Love

White ज़रा ज़रा सा एहसान सबके याद रखती हूं  खताएं माफ़ कर सबकी खुद को आबाद रखती हूं  बीना राय  गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena

#शायरी #GoodMorning  White ज़रा ज़रा सा एहसान सबके याद रखती हूं 

खताएं माफ़ कर सबकी खुद को आबाद रखती हूं 


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena

#GoodMorning

14 Love

White दरिया-ए-ग़म की घाट पर  रूह को इस कदर पखारा है  नहीं लगता है कोई बेगाना  और ना ही कोई हमारा है  एक पल भी लगे मुश्किल  तुम्हारे बिन जिसको आज भी  बताओ बिन तुम्हारे ही  उस दिल का कैसे गुजारा है कोशिश का कतरा कतरा   काम आता रहा हर बार  सब्र की ठंडी छांव ने  थकी उम्मीदों को संवारा है । बीना राय  गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena

#कविता #sad_qoute  White दरिया-ए-ग़म की घाट पर 

रूह को इस कदर पखारा है 

नहीं लगता है कोई बेगाना 

और ना ही कोई हमारा है 

एक पल भी लगे मुश्किल 

तुम्हारे बिन जिसको आज भी 

बताओ बिन तुम्हारे ही 

उस दिल का कैसे गुजारा है

कोशिश का कतरा कतरा  

काम आता रहा हर बार 

सब्र की ठंडी छांव ने 

थकी उम्मीदों को संवारा है ।


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena

#sad_qoute

14 Love

White सब्र का वो मेरे इंतहा ले रहा है  रह के खामोश वो मेरी जां ले रहा है  सह सके जो न खुद पीर मन की मेरे  वही दर्दे जुदाई खामखां दे रहा है। स्वरचित मुक्तक  बीना राय  गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena

#शायरी #sad_shayari  White सब्र का वो मेरे इंतहा ले रहा है 

रह के खामोश वो मेरी जां ले रहा है 

सह सके जो न खुद पीर मन की मेरे 

वही दर्दे जुदाई खामखां दे रहा है।


स्वरचित मुक्तक 

बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena

#sad_shayari शायरी

10 Love

White दामने-दुआ ओढ़ कर हम बैठें हैं इस इंतजार में  बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में  मेहरबां हो ही जाएगा रब एक दिन मिरी इबादत से  नूर ही नूर से भर जाएगी मेरी किस्मत ऐसी बयार में  बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में  संग छोड़ देते हैं सब जरा गमगीन देखकर बीना  एक उम्मीद ही तो है जो हरदम है तिरे इख्तियार में  बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में  (स्वरचित कविता से) बीना राय  गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena

#कविता #love_shayari  White दामने-दुआ ओढ़ कर हम बैठें हैं इस इंतजार में 

बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


मेहरबां हो ही जाएगा रब एक दिन मिरी इबादत से 

नूर ही नूर से भर जाएगी मेरी किस्मत ऐसी बयार में 


बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


संग छोड़ देते हैं सब जरा गमगीन देखकर बीना 

एक उम्मीद ही तो है जो हरदम है तिरे इख्तियार में 


बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


(स्वरचित कविता से)


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena

#love_shayari

18 Love

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