कवि आदित्य बजरंगी

कवि आदित्य बजरंगी Lives in Anupshahar, Uttar Pradesh, India

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जो इल्ज़ाम बाकी रह गया हो___ वो मेरे कफ़न पर लिख जाना___ ©कवि आदित्य बजरंगी

#SAD  जो इल्ज़ाम बाकी रह गया हो___
वो मेरे कफ़न पर लिख जाना___

©कवि आदित्य बजरंगी

जो इल्ज़ाम बाकी रह गया हो___ वो मेरे कफ़न पर लिख जाना___ ©कवि आदित्य बजरंगी

14 Love

#SAD  जगना नसीब है, सोना मुहाल है।
जो मेरा हाल है, क्या तेरा हाल है।।
मैं इंतजार में हूं, के तू भी, कुछ कहे।
खुलते नहीं लब तेरे, क्या हाल चाल है।।
जो जल रही है, शम्मा है, तेरे नाम की।
मैं तुझसे रौशन हूं, क्या तुझे ख़याल है।।

©कवि आदित्य बजरंगी

जगना नसीब है, सोना मुहाल है। जो मेरा हाल है, क्या तेरा हाल है।। मैं इंतजार में हूं, के तू भी, कुछ कहे। खुलते नहीं लब तेरे, क्या हाल चाल है।। जो जल रही है, शम्मा है, तेरे नाम की। मैं तुझसे रौशन हूं, क्या तुझे ख़याल है।। ©कवि आदित्य बजरंगी

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 आँखों में नजर आती है,,,, 
      होटो पर महक जाती है,,,,,
लाख छुपाओ मोहब्बत को,,,
       मगर अदाओ से झलक जाती है,,,
तुम याद नही करते,,,,,,
        हम तुम्हें भुल नहीं सकते,,,,,
तुम्हारा और हमारा रिस्ता इतना खूबसूरत हैं,,,
 तुम सोच नही सकते,,,,,, 
         हम बता नही सकते,,,,,

©कवि आदित्य बजरंगी

आँखों में नजर आती है,,,, होटो पर महक जाती है,,,,, लाख छुपाओ मोहब्बत को,,, मगर अदाओ से झलक जाती है,,, तुम याद नही करते,,,,,, हम तुम्हें भुल नहीं सकते,,,,, तुम्हारा और हमारा रिस्ता इतना खूबसूरत हैं,,, तुम सोच नही सकते,,,,,, हम बता नही सकते,,,,, ©कवि आदित्य बजरंगी

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बेखबर होने लगे हो आजकल चैन से सोने लगे हो आजकल जख्म कोई गहरा मिला है क्या हर घड़ी रोने लगे हो आजकल हो गई है फूलो से क्यों दुश्मनी जो कांटे बोने लगे हो आजकल आंँसुओं का नल खुला ही रहता है किस की यादें धोने लगे हो आजकल "आदित्य" आज कल कुछ उखड़े हुए रहते हो तुम भी दिल पे क्या क्या ढोने लगे हो आजकल ©कवि आदित्य बजरंगी

#SAD  बेखबर होने लगे हो आजकल
चैन से सोने लगे हो आजकल

जख्म कोई गहरा मिला है क्या
हर घड़ी रोने लगे हो आजकल

हो गई है फूलो से क्यों दुश्मनी
जो कांटे बोने लगे हो आजकल

आंँसुओं का नल खुला ही रहता है
किस की यादें धोने लगे हो आजकल

"आदित्य" आज कल कुछ उखड़े हुए रहते हो 
तुम भी दिल पे क्या क्या ढोने लगे हो आजकल

©कवि आदित्य बजरंगी

बेखबर होने लगे हो आजकल चैन से सोने लगे हो आजकल जख्म कोई गहरा मिला है क्या हर घड़ी रोने लगे हो आजकल हो गई है फूलो से क्यों दुश्मनी जो कांटे बोने लगे हो आजकल आंँसुओं का नल खुला ही रहता है किस की यादें धोने लगे हो आजकल "आदित्य" आज कल कुछ उखड़े हुए रहते हो तुम भी दिल पे क्या क्या ढोने लगे हो आजकल ©कवि आदित्य बजरंगी

16 Love

में पागल हो जाऊ इतना प्यार दें मुझे में बहुत बिगाड़ा हूँ थोड़ा संवार दें मुझे तेरी ये दूरिया मुझे अधमारा कर देंगी " आदित्य " इससे बेहतर हैं कि मार दे मुझे ©कवि आदित्य बजरंगी

#SAD  में पागल हो जाऊ इतना प्यार दें मुझे 
में बहुत बिगाड़ा हूँ थोड़ा संवार दें मुझे 
तेरी ये दूरिया मुझे अधमारा कर देंगी 
" आदित्य " इससे बेहतर हैं कि मार दे मुझे

©कवि आदित्य बजरंगी

में पागल हो जाऊ इतना प्यार दें मुझे में बहुत बिगाड़ा हूँ थोड़ा संवार दें मुझे तेरी ये दूरिया मुझे अधमारा कर देंगी " आदित्य " इससे बेहतर हैं कि मार दे मुझे ©कवि आदित्य बजरंगी

15 Love

पूरी उम्र तेरी यादों को भुलाना भी नहीं है, जब के तुम्हें तो लौटकर आना भी नहीं है, ग़म अपना जमाने को दिखाना भी नहीं है रोना तो है मगर अश्क़ बहाना भी नहीं है, भर जाए किसी गैर की चाहत के भरम में ये जख़्म अभी यूँ इतना पुराना भी नहीं है, ये कहते हुए दिल में चला आता है हर ग़म तेरे सिवा अपना कोई ठिकाना भी नहीं है, ©कवि आदित्य बजरंगी

#lakeview #SAD  पूरी उम्र तेरी यादों को भुलाना भी नहीं है,
जब के तुम्हें तो लौटकर आना भी नहीं है,

ग़म अपना जमाने को दिखाना भी नहीं है
रोना तो है मगर अश्क़ बहाना भी नहीं है,

भर जाए किसी गैर की चाहत के भरम में
ये जख़्म अभी यूँ इतना पुराना भी नहीं है,

ये कहते हुए दिल में चला आता है हर ग़म
तेरे सिवा अपना कोई ठिकाना भी नहीं है,

©कवि आदित्य बजरंगी

#lakeview

11 Love

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