बेखबर होने लगे हो आजकल चैन से सोने लगे हो आजकल जख्म कोई गहरा मिला है क्या हर घड़ी रोने लगे हो आजकल हो गई है फूलो से क्यों दुश्मनी जो कांटे बोने लगे हो आजकल.
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