Amit Sir KUMAR

Amit Sir KUMAR

I am a professional teacher, CA (inter),Qualified CFP and a short poem writer. Instagram Poet_Amitsir https://youtube.com/@mrami111?si=K98qpgxtZ2BWeA82

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New Year 2025 नए साल कि बात है उम्मीदों कि एक नई शुरुआत है दिल में नए जोश और जुनून कि बात है एक पड़ाव के बाद, फिर से मंजिल कि ओर चलने कि बात है जिंदगी सिलसिला है आगे बढ़ते रहने का जज़बे के पंखों में हौसले कि ताकत लेकर फिर एक नई उड़ान कि शुरुआत है। ©Amit Sir KUMAR

#कविता #Newyear2025 #Zindagi #Hope  New Year 2025 नए साल कि बात है
उम्मीदों कि एक नई शुरुआत है
दिल में नए जोश और जुनून कि बात है
एक पड़ाव के बाद, 
फिर से मंजिल कि ओर चलने कि बात है

जिंदगी सिलसिला है आगे बढ़ते रहने का
जज़बे के पंखों में हौसले कि ताकत लेकर
फिर एक नई उड़ान कि शुरुआत है।

©Amit Sir KUMAR
#शायरी #leafbook  Unsplash   अपनी कमजर्फी  के नकाब को ढक लेते हैं, रिश्तों कि आड़ लेकर कुछ लोग

खुरचने कि जरूरत नहीं होती, 
निकल आता है खुद ब खुद ये नकाब
आजमाईशे जरुरत पर।

©Amit Sir KUMAR

#leafbook शायरी दर्द

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#जिंदगी #शायरी #leafbook  Unsplash ज़मीर का सौदा नहीं किया मैंने 
शायद इस लिए अब तक जिंदा हूं 

वरना बहुत मुर्दे देखें हैं इस बस्ती में 
अपने बिके हुए ज़मीर को सुपुर्दे खाक करते हुए।

©Amit Sir KUMAR

#leafbook #जिंदगी 'दर्द भरी शायरी'

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#शायरी #good_night  White तन्हाइयों का मुझे शौक नहीं 
पर रिश्तों कि आजमाइशें हि कुछ ऐसी रहीं हैं 
महफ़िलें मुझे अब खौफ का एहसास देती है 
कमजरफी इस कदर हावी है रिश्तों में 
तन्हाइयां हि मुझे अब अपनेपन‌ का एहसास देती हैं।

©Amit Sir KUMAR

#good_night 'दर्द भरी शायरी'

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#मोटिवेशनल #Zindagi #Hope  White किस उधेड़बुन में लगा है तु
किस नाउम्मीदी में डुबा हुआ है तु

बीते हुए पल कि चिंता न कर 
तोड़ दे  तु सारे नाउम्मीदी के बंधनो को

समेट ले अपने हौसले के पंखों को एक बार फिर तु
उड़ने के लिए पुरा आसमान सामने पड़ा है 

रूकने कि इजाजत नहीं तुझको
न थकने का कोई विकल्प 
उड़ता जा तु
हौसले के आगे तो आसमान भी छोटा पड़ा है।

©Amit Sir KUMAR

#Hope #Zindagi मोटिवेशनल कविता इन हिंदी

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White भावनाओं कि ये सरिता है विचारों कि ये कविता है एक माला कि डोर कि तरह जोड़ती है जो दिल से दिल का रिश्ता हिंदी भाषा का मुझसे मां कि तरह एक रिश्ता है। ©Amit Sir KUMAR

#कविता #hindi_diwas  White भावनाओं कि  ये सरिता है
विचारों कि  ये कविता है 
एक माला कि डोर कि तरह 
जोड़ती है जो दिल से दिल का रिश्ता 
हिंदी भाषा का मुझसे 
मां कि तरह एक रिश्ता है।

©Amit Sir KUMAR

#hindi_diwas हिंदी दिवस पर कविता

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