White किस उधेड़बुन में लगा है तु
किस नाउम्मीदी में डुबा हुआ है तु
बीते हुए पल कि चिंता न कर
तोड़ दे तु सारे नाउम्मीदी के बंधनो को
समेट ले अपने हौसले के पंखों को एक बार फिर तु
उड़ने के लिए पुरा आसमान सामने पड़ा है
रूकने कि इजाजत नहीं तुझको
न थकने का कोई विकल्प
उड़ता जा तु
हौसले के आगे तो आसमान भी छोटा पड़ा है।
©Amit Sir KUMAR
#Hope #Zindagi मोटिवेशनल कविता इन हिंदी