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जिन्दगी की उदासी को दिल से न लगाइये। कभी गम ,कभी खुशी मिलकर मनाइए। जीवन दौड़ में कभी यदि रह गए हो पीछे मन को अपने न मायूस बनाइए। न छुप कोने में आंसू तुम बहाना बस हौसला मन अपने जागाइए। जीत जाओगे तुम जीवन की जंग उम्मीद का छोटा दीया तो जलाइए। ©Archana sharma
Archana sharma
16 Love
बसती थी खुशियों जिन घरों मे कभी वह मकान बह गया। घरों में सजा बेशकीमती समान बह गया। बह गई आशाएं, उम्मीदें भी बह गई सूनी आंखों में बस बहता आंसू रह गया। ©Archana sharma
15 Love
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कुछ कमी तुझमें कुछ कमी मुझमें भी फिर कैसा इतराना? कुछ करो तुम कुछ करें हम भी बस मिल कर हाथ बढाना। परोपकार ही है सेवा बात सभी है जाने। पर सच्ची सीधी बातें कहाँ कोई हैं माने। करके थोड़ा दान कभी नहीं इतराना। बहते आंखों के आसूं पोंछ कभी तुम देखो। मन की पीडा लोगों के मन झांक कभी तुम देखो ठहर कभी दो पल संग उनके भी बीताना। ©Archana sharma
17 Love
न कोस अंधेरे को तलाश रोशनी की किया कीजिए। देख अंधेरा मन को न बैचेन किया कीजिए। दस्तक देगें उजाले तुझे इंतजार वक्त का बस किया कीजिए। न होता हासिल जो चाहोगे तुम होड हरपल जीवन से न किया कीजिए। पास होनी है गर ये जीवन परीक्षा नकल न गैरों की किया कीजिए। जीवन इम्तिहान है बडा ही कठिन कोशिश कर इसे पास किया कीजिए। ©Archana sharma
13 Love
चिन्गारी नफरतों की जलाकर राख करती है। सजे आशियों को भी खाक करती है। खिले दिल में गर फूलों की क्यारी नफरतों में दोस्तों ये प्यार भरती है। ©Archana sharma
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