Gautam ADARSH Mishra

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इतना पानी होने के बावजूद भी सागर प्यास नहीं बुझा सकता कभी कभी सोचता हूं हम किस हद तक असहाय हो जाते हैं सब कुछ होते हुए भी....... "आदर्श " . . . ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल  इतना पानी होने के बावजूद भी 
सागर प्यास नहीं बुझा सकता 

कभी कभी सोचता हूं 

हम किस हद तक असहाय हो जाते हैं 
सब कुछ होते हुए भी.......

                                 "आदर्श "


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©Gautam ADARSH Mishra

मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स

9 Love

White कोई नहीं देखेगा तुम्हारी जगती हुई रातें, परीक्षा के लिए तय की गई तुम्हारी शहरों की यात्राएं। किताबों के साथ बिताए गए तुम्हारे कई साल, एक परिणाम अगर तुम्हारे पक्ष में नहीं आएगा तो तुम ठुकरा दिए जाओगे परिणाम से ही तुम्हारे व्यक्तित्व को नापने वाले इस समाज में तुम्हारा अस्तित्व कुछ नहीं रह जाएगा , किसी कोई फर्क नहीं पड़ता है कि तुम क्या सोचते हो क्या करते हो इसलिए सिर्फ एक बात याद रखना परिणाम अपना तो सब अपना परिणाम नहीं तो कुछ नहीं ।। "आदर्श" . . . . ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल  White कोई नहीं देखेगा तुम्हारी जगती हुई रातें, 
परीक्षा के लिए तय की गई तुम्हारी शहरों की यात्राएं।
किताबों के साथ बिताए गए तुम्हारे कई साल,

एक परिणाम अगर तुम्हारे पक्ष में नहीं आएगा 
तो तुम ठुकरा दिए जाओगे 

परिणाम से ही तुम्हारे व्यक्तित्व को नापने वाले 
इस समाज में तुम्हारा अस्तित्व कुछ नहीं रह जाएगा ,

किसी कोई फर्क नहीं पड़ता है कि 
तुम क्या सोचते हो क्या करते हो 

इसलिए सिर्फ एक बात याद रखना
परिणाम अपना तो सब अपना 
परिणाम नहीं तो कुछ नहीं ।।
             "आदर्श"



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©Gautam ADARSH Mishra

मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स

10 Love

ख़ुद से रूठे हैं हम लोग। टूटे-फूटे हैं हम लोग॥ सत्य चुराता नज़रें हमसे, इतने झूठे हैं हम लोग। इसे साध लें, उसे बांध लें, सचमुच खूँटे हैं हम लोग। क्या कर लेंगी वे तलवारें, जिनकी मूँठें हैं हम लोग। मय-ख़्वारों की हर महफ़िल में, खाली घूंटें हैं हम लोग। हमें अजायबघर में रख दो, बहुत अनूठे हैं हम लोग। हस्ताक्षर तो बन न सकेंगे, सिर्फ़ अँगूठे हैं हम लोग। "आदर्श मिश्र" ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल  ख़ुद से रूठे हैं हम लोग।
टूटे-फूटे हैं हम लोग॥

सत्य चुराता नज़रें हमसे,
इतने झूठे हैं हम लोग।

इसे साध लें, उसे बांध लें,
सचमुच खूँटे हैं हम लोग।

क्या कर लेंगी वे तलवारें,
जिनकी मूँठें हैं हम लोग।

मय-ख़्वारों की हर महफ़िल में,
खाली घूंटें हैं हम लोग।

हमें अजायबघर में रख दो,
बहुत अनूठे हैं हम लोग।

हस्ताक्षर तो बन न सकेंगे,
सिर्फ़ अँगूठे हैं हम लोग।
      "आदर्श मिश्र"

©Gautam ADARSH Mishra

मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

11 Love

White तुम सफल हो , तुम असफल हो , तुम मतलबी हो , तुम भावविहीन हो , तुम बहुत इमोशनल हो तुम महत्वाकांक्षी हो तुम्हारा कोई लक्ष्य नहीं है तुम अंतर्मुखी हो तुम बहुत बोलते हो । किसने बनाई यह परिभाषाएं ? किसने बनाई यह लिस्ट जिसमें फिट होकर तुम्हारी कोई पहचान बन सके ? तुम जैसे पैदा हुए हो, तुम जैसे हो यह तुम्हारी पहचान क्यों नहीं है ? यह पहचान किसी को स्वीकार्य क्यों नहीं है? पता है क्यों ? ? .... क्योंकि यह खुद तुम्हें स्वीकार्य नहीं है । तुमने जोड़ रखा है हर दूसरी स्थिति को हर दूसरे इंसान को खुद की पहचान से और भाग रहे हो उस मृगतृष्णा की तरह जो खुद की नाभि में छिपी कस्तूरी को ढूंढने दर-दर भटक रहा है । रुको,,,, पहचानो खुद को,, तुम्हारी खुशबू तुम्हारे पास ही है । तुम जो हो तुम जैसे हो बेस्ट हो ।। मुझे तुम पर यकीन है । क्या तुम्हें खुद पर यकीन है ?? "आदर्श मिश्र" . . . . . . . . ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल #love_shayari  White तुम सफल हो , तुम असफल हो , 
तुम मतलबी हो , तुम भावविहीन हो ,
तुम बहुत इमोशनल हो
तुम महत्वाकांक्षी हो 
तुम्हारा कोई लक्ष्य नहीं है 
तुम अंतर्मुखी हो 
तुम बहुत बोलते हो ।
किसने बनाई यह परिभाषाएं ?
 किसने बनाई यह लिस्ट जिसमें फिट होकर तुम्हारी कोई पहचान बन सके ? 
 तुम जैसे पैदा हुए हो,  तुम जैसे हो यह तुम्हारी पहचान क्यों नहीं है ? 
 यह पहचान किसी को स्वीकार्य क्यों नहीं है?
पता है क्यों ? ? ....
 क्योंकि यह खुद तुम्हें स्वीकार्य नहीं है ।
तुमने जोड़ रखा है हर दूसरी स्थिति को हर दूसरे इंसान को 
खुद की पहचान से 
और भाग रहे हो उस मृगतृष्णा की तरह जो 
खुद की नाभि में छिपी कस्तूरी को ढूंढने दर-दर भटक रहा है ।

रुको,,,, पहचानो खुद को,,
 तुम्हारी खुशबू तुम्हारे पास ही है ।
 तुम जो हो तुम जैसे हो बेस्ट हो ।।
 
मुझे तुम पर यकीन है ।
क्या तुम्हें खुद पर यकीन है ??
                         "आदर्श मिश्र"


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#love_shayari मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस

13 Love

पालने में लखन व राम जी लिटाए गए, लेटते ही करुणा सदन चुप हो गए, किन्तु लक्ष्मण कुछ ऐसा तेज रोए उन्हें, रोता देख धरती गगन चुप हो गए, राजवैद आए कोई रोग न बता सके तो, ज्योतिष भी करके यतन चुप हो गए, गुरु ने उठाया और लखन को राम के चरण में लिटाया तो लखन चुप हो गए!! . . ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल #NojotoRamleela  पालने में लखन व राम जी लिटाए गए, 
लेटते ही करुणा सदन चुप हो गए,
किन्तु लक्ष्मण कुछ ऐसा तेज रोए उन्हें,
रोता देख धरती गगन चुप हो गए,
राजवैद आए कोई रोग न बता सके तो,
ज्योतिष भी करके यतन चुप हो गए,
गुरु ने उठाया और लखन को राम के
चरण में लिटाया तो लखन चुप हो गए!!

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©Gautam ADARSH Mishra

#NojotoRamleela मोटिवेशनल कोट्स

13 Love

White सुनो पारिजात... मुस्कुरा दो जरा एक पल के लिए, राह में दिल बिछा दूं अगर तुम कहो ! आ रही है दिवाली , है सजी हर गली , मैं भी घर को सजा दूं अगर तुम कहो !! क्या कहा की ये अँधेरे न मिट पायेंंगे , क्या कहा रौशनी अब न हो पायेगी ! देके दिल का उजाला चिरागो को मैं , रात को दिन बना दूं अगर तुम कहो ...!! "आदर्श" . . . ©Gautam ADARSH Mishra

#कोट्स #good_night  White सुनो पारिजात...

मुस्कुरा दो जरा एक पल के लिए,
राह में दिल बिछा दूं अगर तुम कहो !
आ रही है दिवाली , है सजी हर गली ,
मैं भी घर को सजा दूं  अगर तुम कहो !!
क्या कहा की ये  अँधेरे न मिट पायेंंगे ,
क्या कहा रौशनी अब न हो पायेगी !
देके दिल का उजाला चिरागो को मैं ,
रात को दिन बना दूं अगर तुम कहो ...!!
                     "आदर्श"


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©Gautam ADARSH Mishra

#good_night

16 Love

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