Gautam ADARSH Mishra

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पालने में लखन व राम जी लिटाए गए, लेटते ही करुणा सदन चुप हो गए, किन्तु लक्ष्मण कुछ ऐसा तेज रोए उन्हें, रोता देख धरती गगन चुप हो गए, राजवैद आए कोई रोग न बता सके तो, ज्योतिष भी करके यतन चुप हो गए, गुरु ने उठाया और लखन को राम के चरण में लिटाया तो लखन चुप हो गए!! . . ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल #NojotoRamleela  पालने में लखन व राम जी लिटाए गए, 
लेटते ही करुणा सदन चुप हो गए,
किन्तु लक्ष्मण कुछ ऐसा तेज रोए उन्हें,
रोता देख धरती गगन चुप हो गए,
राजवैद आए कोई रोग न बता सके तो,
ज्योतिष भी करके यतन चुप हो गए,
गुरु ने उठाया और लखन को राम के
चरण में लिटाया तो लखन चुप हो गए!!

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©Gautam ADARSH Mishra

#NojotoRamleela मोटिवेशनल कोट्स

13 Love

White मुहाजिर हैं मगर हम एक दुनिया छोड़ जाएंगे,,,, तुम्हारे पास जितना है हम उतना छोड़ जाएंगे, कहानी का ये हिस्सा आज तक सब से छुपाया है, कि हम मिट्टी की ख़ातिर अपना सोना छोड़ जायेंगे, किसी की आरज़ू के पांवों में ज़ंजीर डाली है, किसी की ऊन की तीली में फंदा छोड़ जाएंगे, वो बरगद जिसके पेड़ों से महक आती है फूलों की, उसी बरगद में एक हरियल का जोड़ा छोड़ जाएंगे, महल से दूर बरगद के तले शांन्ति के खातिर, थके हारे हुए गौतम को बैठा छोड़ जाएंगे। हमारा रास्ता तकते हुए पथरा जाएंगी, वो आंखे जिन्हें खिड़की पे रखा छोड़ जाएंगे , सुकून ए आखिरी पल तिश्नगी खातिर हम अपनी झील में एक चांद उतरा छोड़ जाएंगे, 😊"आदर्श" . . . ©Gautam ADARSH Mishra

#शायरी #Sad_shayri  White मुहाजिर हैं मगर हम एक दुनिया छोड़ जाएंगे,,,,
तुम्हारे पास जितना है हम उतना छोड़ जाएंगे,

कहानी का ये हिस्सा आज तक सब से छुपाया है,
कि हम मिट्टी की ख़ातिर अपना सोना छोड़ जायेंगे,

किसी की आरज़ू के पांवों में ज़ंजीर डाली है,
किसी की ऊन की तीली में फंदा छोड़ जाएंगे,

वो बरगद जिसके पेड़ों से महक आती है फूलों की,
उसी बरगद में एक हरियल का जोड़ा छोड़ जाएंगे, 

महल से दूर बरगद के तले शांन्ति के खातिर,
थके हारे हुए गौतम को बैठा छोड़ जाएंगे।

हमारा रास्ता तकते हुए पथरा जाएंगी,
वो आंखे जिन्हें खिड़की पे रखा छोड़ जाएंगे ,

सुकून ए आखिरी पल तिश्नगी खातिर 
हम अपनी झील में एक चांद उतरा छोड़ जाएंगे,
                        😊"आदर्श"



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©Gautam ADARSH Mishra

#Sad_shayri

12 Love

जिस भोर बहन जन्मी घर में, दादा ने माँ के पुरखों को गाली दी, दादी ने माँ के खानदान को, पिता ने माँ को और बिलखती माँ ने खुद को, शाम होते होते लपेट लिए गए ईश्वर भी, फिर भी बहन ने संस्कार सीखे और भाइयों ने गाली..…. क्यों ??? "आदर्श" @Say.Adarsh2.0 .. . ©Gautam ADARSH Mishra

#विचार #Rakhi  जिस भोर बहन जन्मी घर में,
दादा ने माँ के पुरखों को गाली दी,
दादी ने माँ के खानदान को,
पिता ने माँ को
और बिलखती माँ ने खुद को,
शाम होते होते लपेट लिए गए ईश्वर भी,

फिर भी बहन ने संस्कार सीखे
और भाइयों ने गाली..…. क्यों ???
                     "आदर्श"
                          @Say.Adarsh2.0

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©Gautam ADARSH Mishra

#Rakhi

11 Love

White वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है। लोग इसे हास्य रुप में कहते है मैं कहता हूं हां वो बिल्कुल कर सकती है क्योंकि मैंने देखा है एक मां को अपने सपने को भूलते हुए अपने बच्चों के लिए मैंने देखा है एक पत्नी को अपने पति के लिए कामयाबी की कामना करते हुए मैंने देखा है एक बहन को अपने भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधते हुए मैंने देखा है एक बेटी को अपने फैसले छोड़ते हुए अपने माता-पिता के लिए देखा है, एक स्त्री को कुछ भी करते हुए अपने परिवार के लिए -हां वो स्त्री है ।।वो कुछ भी कर सकती है ।। @Say Adarsh ©Gautam ADARSH Mishra

#विचार #thought  White  वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है।
लोग इसे हास्य रुप में कहते है 

मैं कहता हूं 
हां वो बिल्कुल कर सकती है
क्योंकि मैंने देखा है एक मां को
अपने सपने को भूलते हुए
अपने बच्चों के लिए

मैंने देखा है एक पत्नी को 
अपने पति के लिए 
कामयाबी की कामना करते हुए

मैंने देखा है एक बहन को
अपने भाई के हाथ में 
रक्षा सूत्र बांधते हुए

मैंने देखा है एक बेटी को 
अपने फैसले छोड़ते हुए 
अपने माता-पिता के लिए 

देखा है, एक स्त्री को 
कुछ भी करते हुए 
अपने परिवार के लिए 

-हां वो स्त्री है 
।।वो कुछ भी कर सकती है ।।
              @Say Adarsh

©Gautam ADARSH Mishra

#thought

15 Love

White अंतिम समय में जब कोई नहीं जाएगा साथ एक वृक्ष जाएगा साथ मेरे अपनी गौरैयो और गिलहरियों से बिछड़कर एक वृक्ष जाएगा मुझसे पहले वही करेगा अग्नि मे प्रवेश कितनी लकड़ी लगेगी यह पता नहीं कहते हैं कम से कम सात मन तो लगेगी ही मतलब अभी मुझे वृक्ष लगाना चाहिए सात मन लकड़ी के लिए मतलब तुम्हें, उसे और सब को वृक्ष लगाना चाहिए सात मन लकड़ी के लिए।। चलो फिर इस बरसात वृक्ष लगाओ। ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल #short_shyari  White अंतिम समय में जब कोई नहीं जाएगा साथ 
एक वृक्ष जाएगा साथ मेरे 
अपनी गौरैयो और गिलहरियों से बिछड़कर
एक वृक्ष जाएगा 
मुझसे पहले वही करेगा अग्नि मे प्रवेश

कितनी लकड़ी लगेगी यह पता नहीं 

कहते हैं कम से कम सात मन तो लगेगी ही
मतलब अभी मुझे वृक्ष लगाना चाहिए 
सात मन लकड़ी के लिए 

मतलब तुम्हें, उसे और सब को 
वृक्ष लगाना चाहिए 
सात मन लकड़ी के लिए।।

चलो फिर 
इस बरसात वृक्ष लगाओ।

©Gautam ADARSH Mishra
#मोटिवेशनल  हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? 
हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा ? 
उन पराजित योद्धाओं के लिए ,
तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए।
प्रेम में टूटे हुए लोग,
सारी जिंदगी को कहीं दांव लगाकर हारे हुए लोग 
थके-हारे लोग, गुमनाम लोग
एक असफल लेखक
मैच हार गया खिलाड़ी
इंटरव्यू से वापस लौटा युवा
और ऐसे तमाम लोग
जिन्हें पता था कि वे सफल हो सकते हैं
मगर उन्होंने असफलताओं से भरा रास्ता चुना,
वो लोग जिन्होंने
हमेशा गलत राह पर चलने का जोखिम उठाया
वो लोग जिन्होंने
गलत लोगों पर भरोसा किया
वो जिन्होंने
चोट खाई, धोखा खाया, ठोकर खाई
गिरे और धूल झाड़कर खड़े हुए
वे कहां जाएंगे ?
हारे हुए लोगों के लिए कोई जगह नहीं है
न किसी घर में, न समाज में, न किसी देश में।
क्या जो विजेता थे 
वो इनसे बेहतर हैं?
शायद बेहतर थे। 

जो हारा आखिर वो भी एक नायक था।
एक पराजित नायक के दर्द को 
कौन समझना चाहेगा?

©Gautam ADARSH Mishra

हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा ? उन पराजित योद्धाओं के लिए , तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में टूटे हुए लोग, सारी जिंदगी को कहीं दांव लगाकर हारे हुए लोग थके-हारे लोग, गुमनाम लोग एक असफल लेखक मैच हार गया खिलाड़ी इंटरव्यू से वापस लौटा युवा और ऐसे तमाम लोग जिन्हें पता था कि वे सफल हो सकते हैं मगर उन्होंने असफलताओं से भरा रास्ता चुना, वो लोग जिन्होंने हमेशा गलत राह पर चलने का जोखिम उठाया वो लोग जिन्होंने गलत लोगों पर भरोसा किया वो जिन्होंने चोट खाई, धोखा खाया, ठोकर खाई गिरे और धूल झाड़कर खड़े हुए वे कहां जाएंगे ? हारे हुए लोगों के लिए कोई जगह नहीं है न किसी घर में, न समाज में, न किसी देश में। क्या जो विजेता थे वो इनसे बेहतर हैं? शायद बेहतर थे। जो हारा आखिर वो भी एक नायक था। एक पराजित नायक के दर्द को कौन समझना चाहेगा? ©Gautam ADARSH Mishra

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