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गौ सेविका
वो दिन कितने हसीन थे जब तू मेरे करीब था। अमावस में भी चांदनी थी पतझड़ में भी बसंत था। ©BELA SAHA
BELA SAHA
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अपने भाग्य पर क्यों ना इतराऊँ मैं गर्वित तिरंगे सी क्यों ना लहराऊँ मैं मैंने जन्म लिया है उस पावन धारा पर जहां जन्मे स्वयं मेरे प्रभु श्री राम हैं जिस मिट्टी को अपने प्रेम से सींचे राधे श्याम हैं। ©BELA SAHA
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हमें सिखाया गुरु आपने सतमार्ग पर चलना सदा सेवा भाव ही कर्मपथ हो करते रहें हम जगत कल्याण। है अरदास हे परम पिता सजदे में सर झुके सदा जब भी हमारी जरूरत हो वतन पर करे हम जान निशां। खात्मा हो सभी दुश्मनों का जो सीमा पर कुदृष्टि रखे उनकी मनशा ना कभी पूरी हो जो देश तोड़ने की चाह रखे। बहे रगों में फिर खून वही जिसमे धर्म की ज्वाला बहे अन्याय के सम्मुख शीश झुके नहीं गर जरूरत पड़े कुर्बान जिगर के टुकड़े करे। ©BELA SAHA
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