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I am chemical Engineer and love poetry
मिलते नही अब मुलाक़ातों से डरते हो क्या ख़्वाबों में नही आते ख़यालातों से डरते हो क्या ये दोस्ती अपनापन अब नही जताते जज्बातों में रहते हो यूँ ही लोगों के सवालातों से डरते हो क्या ।आप मेरी शायरी इतनी शिद्दत से पढकर हँसते हो क्या। ©Nilesh Dwivedi
Nilesh Dwivedi
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नही करता मिलन का मन तुम्हारा मुझे ही भला क्यों बेताबियां हैं चलो एक दूसरे को भूल जाएं जहां में और भी बरबादियां हैं ©Nilesh Dwivedi
15 Love
किसी की याद क्यों आए कोई ख़्वाबों में नजर क्यों आए जरूर कोई रिश्ता रूहानी ही होगा ऐसे ही किसी का नाम आते ही मन बेचैन क्यों हो जाए ©Nilesh Dwivedi
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लग चुकी है तलब मंजिल की खुद को आग में झोंक देंगे ठोकरे कहती है मारा जाएगा हौसले कहते हैं देख लेंगे..!! ©Nilesh Dwivedi
किसी को तलब मार गयी हमारी और कोई पाकर भी खुश ना हुआ मेरी कलम से ©Nilesh Dwivedi
9 Love
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