🌸किताबी दूनिया🌸
वो कमरे की किताबें मानो सारा संसार इनमें सिमट गया हो
वो टेबल पर रखी किताब मानो हर सवाल का ज़वाब मिल गया हो
जब मन चाहे पढ़ लेती हूँ
प्यार, नफ़रत, उम्मीद, आस हर एहसास इनमें ढुँढ लेती हूँ
जब भी खुद को तन्हा पाती हूं किताबों में ही उलझ जाती हूँ
जहां चाहूँ वहां ले जाती हूं इनमें ही अपना एक साथी पाती हूँ
अपनी एक अलग ही दूनिया बसा ली है इनके साथ
जब भी पढ़ती हूं लगता है मेरी सहेली है मेरे साथ
हर सफर में इनका साथ भाता है मुझे
चाय पीते हुए इन्हें पढ़ना लुभाता है मुझे
जिंदगी की राहों ने जब भी मुझे भटकाया हैं
क्या सही क्या ग़लत किताबों ने ही समझाया हैं
बीच सफर में साथ छोड़ना लोगों की फ़ितरत में समाया हैं
रख हौसला उड़ान भर ये किताबों ने ही सिखाया हैं
किताबी दूनिया में खुद को मुस्कुराते तो कभी रोते पाया है
असल जिंदगी में मुस्कुराने का दिखावा कर आंसुओं को छुपाया हैं
असल जिंदगी और किताबी जिंदगी में फर्क बहुत है
कभी टटोल कर देखो किताबों में तर्क बहुत है
Zazbaaton ki diary...
Rao Hetal...
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