मुझे प्यार हैं जिससे वो बिल्कुल मेरे जैसी हैं.
थोड़ी अल्हड़ थोड़ी अनजानी थोड़ी नखरे वाली है ..
दूर भले ही हैं वो मुझसे पर दिल मे आज भी वो रहतीं हैं.
न जानें उसकी आज भी क्यूं इतनी याद आती हैं..
जब भी सामने हों वो मेरे न जानें धड़कन क्यूं बड़ जाती हैं.
लफ्ज भी न कुछ कह पाते , न जानें नजरें क्यूं झुक जाती हैं ..
हां मुझे प्यार हैं जिससे, वो बिल्कुल मेरे जैसी हैं.
थोड़ी अल्हड़ थोड़ी अनजानी थोड़ी नखरे वाली हैं.
©alfaj a sohit
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