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ज़िन्दगी गुम कस साये मे बिताना है अब तो वो जो हमदर्द था वो बेदर्द निकला
White DARD NIKHAT KE ALFAAZ ©NIKHAT دل سے درد کا رشتہ
NIKHAT دل سے درد کا رشتہ
25 Love
White एक अजीब सी उलझन होती है अब इस गली आने से सन्नाटा पसरा है हर ओर खाली पण सा लगता है कुछ तो खोया सा महसूस होता है बह जाती है खुद बखुद आंसू मेरे आँखों से हर सु अंधारिया सा छाया है बस एक सूरज के डूब जाने से वो सदा अब नहीं आती वो हसीं भी गूंजती नहीं है हर तरफ ख़ामोशी अब छाइ है एक आवाज़ के ना आने से निखत diiiiiii 🙏नमस्ते 😭😭😭😭😭😭😭 ©NIKHAT دل سے درد کا رشتہ
18 Love
चंदा री मेरे भैया से कहना बहना याद करें 😭😭😭😭😭😭😭 di miss u bhai ©Nikhat khan
24 Love
White आइ थी एक उम्मीद सी ले कर चंद बाते करने अपने अपनों से देखा तो महफिल सारा सूना पढ़ गया उसके ना होने से जिस महफिल मे शिरकत कती उस महफिल मे वो दीखता था यकीन नहीं है मुझको अब भी तो दिल को अपना कैसे समझते अब भी मुझको धोका होता ना जाने किस महफिल मे वो कह दे मुझको आ कर निखत दी नमस्ते 🙏 😭😭😭😭😭😭😭 ©Nikhat khan
23 Love
351 View
White मेरी ख़ामोशी को मेरी कमज़ोरी समझ बैठे है लोग मेरे ख़यालात को मेरी मजबूरी समझ बैठे है लोग लिखती हु मै बस खुद का दिल बहलाने के लिये मेरे कलम को ही तलवार समझ बैठे है लोग नहीं परवा मुझे क्या क्या समझें दुनिया वाले मुझे ये ज़माना है ज़माने का क्या हात पहलाते है वहा भी जहा कुछ नहीं है अरे यहाँ तो पीरो को भी खुदा समझ बैठे है लोग ©Nikhat khan
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