चले आओ, के तकाज़ा है निगाहों का किसी की आरज़ू को ऐस | हिंदी Shayari

"चले आओ, के तकाज़ा है निगाहों का किसी की आरज़ू को ऐसे तो ठुकराया नहीं करतें۔۔۔ ©Altaf Hussain"

 चले आओ, के तकाज़ा है निगाहों का

किसी की आरज़ू को ऐसे तो ठुकराया  नहीं करतें۔۔۔

©Altaf Hussain

चले आओ, के तकाज़ा है निगाहों का किसी की आरज़ू को ऐसे तो ठुकराया नहीं करतें۔۔۔ ©Altaf Hussain

#feelings

People who shared love close

More like this

Trending Topic