White ग़ज़ल
दोस्त तेरी सिगरेट का धुआं मेरी तरफ आ रहा हैं।
एक जिगरी यार दारू लेकर मेरी तरफ आ रहा हैं।।
वो बोला, "चल छोड़, आज साथ में पियेंगे,
मैं हँसा, कि फिर से बहाना मेरी तरफ आ रहा है।
वो फ़िर से बोला, "अरे यार, एक पैक तो पी ले,"
मैंने देखा के फिर से पैमाना मेरी तरफ आ रहा है।
उसने मुझसे पूछा नजरें बचा कर तू पिएगा क्या,
मैंने कहा
तू बैठ गिलास और चखना मेरी तरफ़ से आ रहा हैं।
तुझे पीने का शौक है पिलाने का नहीं ऐसा क्यों?,
देख मेरा एक दोस्त और ब्लेंडर लेकर आ रहा है
दारू पीकर गम भुलाने की आदत पुरानी है उसकी,
आज फिर वही बहका बहका मेरी तरफ आ रहा है।
कहा था मैंने, "छोड़ दे इस जहरीली आदत को,"
फ़िर भी लड़खड़ाते हुवे तू मेरी तरफ आ रहा हैं।
मैंने चाहा था बचना इन रिंदों की महफ़िल से,
मगर देखो, कोई दिवाना मेरी तरफ आ रहा है।
नसीहतें भी धुएँ में घुलकर उड़ गई सारी "तात्या",
एक शायर शेर, बकरी लेकर मेरी तरफ आ रहा हैं।
– संतोष तात्या
©tatya luciferin
#Sad_Status shayari on life