मेरा मन !
ऐ मेरा मन,क्यूँ है तू उदास?
क्या नहीं है तेरे पास?
यूँ क्यूँ रहता है परेशान?
वजह से भी है अनजान !
मेरा है,फिर भी मुझे उलझाता है !
कभी मन्द तो कभी तेज़ धड़कता है !
मज़ा क्यूँ आता है तुझे इतना उलझने में?
तकलीफ़ क्या है तुझे जरा सुलझने में?
©Sam
#Mera man