White प्रेम से भी बड़ा बन्धन,सुकून आये दोस्ती में।
कभी कृष्णा कभी अर्जुन याद आये दोस्ती में।
अपनी जिंदगी से हार थक करके हर इन्सान,
सभी परेशानियां और गम भूल जाये दोस्ती में।
बना दे जिंदगी सुंदर निभाओ साथ जब दिल से
यकीन करना बड़ा मुश्किल दग़ा गर कोई दे फिर से।
दोस्ती है बड़े विश्वास और एहसास का बन्धन,
निभाओ इसको तुम निःस्वार्थ हो विश्वास जब दिल से।
मेरे मन के मंदिर में दोस्ती राज करती है,
मेरे यार की मूरत ही मन मे वास करती है।
मेरे दोस्त और मुझसे है कुछ ज्यादा ही मीठापन
साथ बस कुछ ही पल का है ये दुनिया बात करती है।
कर्ण ने दुर्योधन से निभाया खूब याराना।
रक्त के रिश्तों को तोड़ा निभाया खूब याराना।
कन्हैया ने तो अर्जुन को गीता उपदेश दे डाला,
उठा हथियार वचन तोड़ा निभाया खूब याराना।।
प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर
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friendship day special poetry by pragya Shukla
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