White पल्लव की डायरी
खिड़कियों पर भी सूनापन है
गलिया वीरान है
चाँद हमारा बाजारों में दिखता
खुला खुला हमारा दीदार है
किस्से कहानी कौन गढ़े अब
मोहल्ले रिश्तेदार भी अनजान है
मिली आजादी जब से खुले प्यार की
तब से साला करेज ही बंद हो गया
इस पर दाग लगाना और बदनाम का
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#love_shayari चाँद हमारा बाजारों में दिखता