मैंने भुगता इक इक पल तेरी जुदाई का,,
तेरी ही यादों के सहारे जिया हर लम्हा तन्हाई का!
सुना है दिल आया तेरे किसी गैर परआजकल,
आया नहीं क्या जरा भी खयाल मेरी वफ़ाई का?
गुनाह तो बता देते मेरा, बताते तो कारण बेवफाई का,
जिन्दा थे अब तक तेरे सहारे,, अब खो दिया तूने हक भी रुस्वाई का,
कर दे अब आजाद हमें, जीने दे कुछ पल अंगड़ाई का!!
©Faniyal
#Bewafa