"मुझे सोया हुआ समझकर जब प्यार से एक टुक निहारती हो, मेरे छोटे छोटे बालों में अपनी नाजुक उंगलियाँ फसाने की नाकाम कोशिशें करती हो, बेअख्तियार होकर मुझसे लिपट जाती हो, बेसाख्ता चूम लेती हो उस वक्त जी चाहता है झट से आँखें खोल दूँ तुम्हें भींच लूँ, प्यार का जवाब प्यार दूँ मगर मैं ऐसा नहीं करता ताकि तुम शरमा न जाओ और मैं तुम्हारी इस प्यार भरी प्यारी सी चोरी से महरूम न हो जाऊँ ।
©Daniyal
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