किनारो से नौका खाली ही लौट आई लगता है मुसाफ़िर लौ | हिंदी शायरी

"किनारो से नौका खाली ही लौट आई लगता है मुसाफ़िर लौट कर नहीं आए पथरा गई निगाहें रार निहारते निहारते आ जाती है याद जिनकी वो ही नहीं आते बबली गुर्जर ©Babli Gurjar"

 किनारो से नौका खाली ही लौट आई 
लगता है मुसाफ़िर लौट कर नहीं आए

पथरा गई निगाहें रार निहारते निहारते 
आ जाती है याद जिनकी वो ही नहीं आते
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

किनारो से नौका खाली ही लौट आई लगता है मुसाफ़िर लौट कर नहीं आए पथरा गई निगाहें रार निहारते निहारते आ जाती है याद जिनकी वो ही नहीं आते बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

निगाहें @Ashutosh Mishra @Ravi Ranjan Kumar Kausik KK क्षत्राणी @Neel @Rama Maheshwari @Sethi Ji

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